कानूनी हलकों में चर्चा का कारण बनी एक अहम सुनवाई में, दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) की उस अधिसूचना को खारिज कर दिया जिसमें युवा विधि पेशेवरों की भर्ती को 2022 और उसके बाद की कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (CLAT) पोस्ट ग्रेजुएट परीक्षा के अंकों से जोड़ा गया था। मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की खंडपीठ ने कई हफ्तों की सुनवाई और आरक्षित फैसले के बाद यह आदेश सुनाया।
पृष्ठभूमि
विवाद तब शुरू हुआ जब NHAI ने 11 अगस्त 2025 को घोषणा की कि वह 44 युवा विधि पेशेवरों (लीगल) की नियुक्ति 2022 से शुरू हुए CLAT PG अंकों के आधार पर करेगा। इस कदम ने उन कानून स्नातकों और प्रैक्टिस कर रहे वकीलों के बीच नाराज़गी पैदा कर दी जिन्होंने उन विशेष वर्षों की परीक्षा नहीं दी थी।
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याचिकाकर्ता और प्रैक्टिसिंग वकील शन्नू बघेल ने दलील दी कि यह प्रणाली कई योग्य वकीलों के लिए दरवाज़ा बंद कर देती है- चाहे उनके पास वैध LLB डिग्री हो या उन्होंने 2022 से पहले CLAT PG परीक्षा दी हो। बघेल ने अपनी याचिका में कहा, “2022 से आगे के CLAT अंकों के आधार पर चयन की शर्त मनमानी और तर्कहीन है।”
NHAI की ओर से वकील अंकुर मित्तल ने जवाब दिया कि CLAT अंक केवल प्रक्रिया का एक हिस्सा है। उन्होंने कहा कि उम्मीदवारों का आकलन मध्यस्थता (arbitration) के अनुभव और व्यक्तिगत साक्षात्कार पर भी किया जाएगा।
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अदालत की टिप्पणियां
लेकिन न्यायाधीश इससे संतुष्ट नहीं हुए। पहले की सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश उपाध्याय ने विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा को सरकारी नौकरी के लिए मानदंड बनाने पर सवाल उठाया। उन्होंने टिप्पणी की, “यह परीक्षा कैसे योग्यता हो सकती है? LLB ही पात्रता है। यह सार्वजनिक रोजगार है, ऐसा प्रावधान अनुच्छेद 16 का उल्लंघन करता है।”
अदालत ने बार-बार कहा कि CLAT PG परीक्षा उच्च शिक्षा के लिए योग्यता परखने के लिए बनाई गई है, न कि सरकारी भर्ती के लिए। “पीठ ने कहा, ‘भर्ती का यह मानदंड अपवर्जक है और संविधान में समानता की कसौटी पर खरा नहीं उतर सकता।’”
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निर्णय
फैसला सुनाते हुए खंडपीठ ने कहा, “याचिका स्वीकार की जाती है और 11 अगस्त की भर्ती नीति को यहां से रद्द किया जाता है।” इन शब्दों के साथ हाई कोर्ट ने पूरी अधिसूचना को खारिज कर दिया, जिससे NHAI का CLAT PG अंकों के आधार पर वकीलों को शॉर्टलिस्ट करने का प्रस्ताव रुक गया। यह फैसला मामले को यहीं समाप्त करता है और अब NHAI को अपने चयन की नई रणनीति पर विचार करना होगा।
मामला: शन्नू बघेल बनाम भारत संघ और NHAI – दिल्ली उच्च न्यायालय ने CLAT-आधारित वकील भर्ती को रद्द किया
निर्णय की तिथि: 24 सितंबर 2025