गुरुवार को एक संक्षिप्त लेकिन महत्वपूर्ण सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को उन एक्सेसिबिलिटी गाइडलाइन्स पर तेज़ी से काम करने के लिए प्रोत्साहित किया, जिन्हें इस साल पहले ही रोक दिया गया था। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने कड़े आदेश तो नहीं दिए, लेकिन यह साफ कर दिया कि मामला अनिश्चितकाल तक लंबित नहीं रह सकता। कोर्टरूम में मौजूद कई लोगों - खासकर दिव्यांग छात्रों - के लिए यह अपडेट राहत भी था और एक और इंतज़ार भी।
पृष्ठभूमि
विवाद 1 अगस्त 2025 को जारी की गई सरकारी गाइडलाइन्स को लेकर है, जिनका उद्देश्य दिव्यांग व्यक्तियों के लिए एक्सेसिबिलिटी और सहायता प्रणालियों को बेहतर बनाना था, विशेषकर परीक्षाओं और सार्वजनिक संस्थानों में। लेकिन सिर्फ एक महीने बाद ही केंद्र ने 10 सितंबर 2025 की ऑफिस मेमोरेंडम के जरिए इन गाइडलाइन्स को निलंबित कर दिया, यह कहते हुए कि उन्हें “पूरी तरह लागू करने के लिए तैयारी नहीं है।”
याचिकाकर्ताओं, जिनका नेतृत्व यश डोडानी कर रहे हैं, ने दलील दी कि इस निलंबन से हजारों छात्र आगामी परीक्षा सत्र को लेकर अनिश्चितता में पड़ गए हैं। उनके वकील, अधिवक्ता अमर जैन ने अदालत को याद दिलाया कि दिव्यांग उम्मीदवारों को काफी पहले से तैयारी करनी होती है और वे अचानक नीति में बदलावों के साथ तालमेल नहीं बैठा सकते।
अदालत की टिप्पणियाँ
सुनवाई के दौरान अधिवक्ता जैन ने पीठ को यह बताया कि स्वयं सरकार ने माना है कि अभी भी आधारभूत ढांचा, तकनीकी सुधार और विभिन्न विभागों के बीच समन्वय जैसे मुद्दे लंबित हैं। “पीठ ने टिप्पणी की, ‘यदि गाइडलाइन्स तुरंत लागू नहीं हो सकतीं, तो सरकार कम से कम एक स्पष्ट समयसीमा दे। ऐसे बदलाव प्रभावित समूहों के अधिकारों को प्रभावित नहीं करने चाहिए।’”
दूसरी ओर, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अर्चना पाठक दवे ने अदालत को भरोसा दिलाया कि तैयारी जारी है और 31 दिसंबर 2025 के बाद “आवश्यक सुविधाओं के साथ गाइडलाइन्स को फिर से लागू” किया जाएगा।
पीठ ने फिलहाल इस स्पष्टीकरण को स्वीकार किया, लेकिन इशारा किया कि सरकार को अब अपनी नई समयसीमा का पालन करना ही होगा। एक जज ने अनौपचारिक लहजे में कहा कि ऐसे मामले “हमेशा ऐसे ही नहीं चल सकते,” जिस पर कोर्टरूम में हल्की फुसफुसाहट सुनाई दी।
निर्णय
सुनवाई के अंत में सुप्रीम कोर्ट ने मामले को स्थगित करते हुए अगली तारीख 20 जनवरी 2026 तय कर दी। तब तक, अदालत ने कहा कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया अब तक लिए गए निर्णयों के अनुसार आवश्यक परिपत्र जारी कर सकती है। और इसी संक्षिप्त लेकिन महत्वपूर्ण आदेश के साथ पीठ उठ गई, जबकि वकील और छात्र उम्मीद कर रहे हैं कि आने वाले महीनों में आखिरकार स्पष्टता मिलेगी।
Case Title: SC Seeks Clarity on Deferred 2025 Accessibility Guidelines, Adjourns Disability Rights Plea to Jan 2026
Case Name: Yash Dodani & Others vs. Union of India & Others
Court: Supreme Court of India, Bench of Justice Surya Kant and Justice Joymalya Bagchi
Hearing Date: 13 November 2025