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बॉम्बे हाईकोर्ट ने सुनी सुनील शेट्टी की याचिका, फर्जी तस्वीरों, डीपफेक और झूठे एंडोर्समेंट्स पर आदेश सुरक्षित रखा

Shivam Y.

बॉम्बे हाईकोर्ट ने सुनील शेट्टी की डीपफेक और फर्जी एंडोर्समेंट पर दायर याचिका सुनी; न्यायमूर्ति अरिफ डॉक्टर ने आदेश सुरक्षित रखा।

बॉम्बे हाईकोर्ट ने सुनी सुनील शेट्टी की याचिका, फर्जी तस्वीरों, डीपफेक और झूठे एंडोर्समेंट्स पर आदेश सुरक्षित रखा

बॉलीवुड अभिनेता सुनील शेट्टी की तात्कालिक याचिका पर शुक्रवार को बॉम्बे हाईकोर्ट ने सुनवाई की। शेट्टी, जो दशकों से भारतीय सिनेमा का जाना-पहचाना चेहरा रहे हैं, अदालत पहुंचे क्योंकि कई वेबसाइट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स उनकी तस्वीरों और यहां तक कि डीपफेक्स का इस्तेमाल मुनाफा कमाने के लिए कर रहे हैं।

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पृष्ठभूमि

सुनील शेट्टी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता बीरेन्द्र साराफ ने अदालत में एक चिंताजनक तस्वीर पेश की कि किस तरह अभिनेता की छवि डिजिटल दुनिया में दुरुपयोग हो रही है। साराफ ने कहा,

"कृपया देखिए, एक रियल एस्टेट एजेंसी है, एक ज्योतिषी वेबसाइट है, यहां तक कि जुआ खेलने वाले पोर्टल्स सब उनकी तस्वीरें बिना अनुमति इस्तेमाल कर रहे हैं।"

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अदालत को यह भी बताया गया कि शेट्टी का नाम और चेहरा पोस्टर और मर्चेंडाइज बेचने के लिए भी इस्तेमाल हो रहा है। याचिका के अनुसार, इससे भी ज्यादा चिंताजनक था एक नकली एआई-जनरेटेड कंटेंट, जिसमें उन्हें अपने पोते के साथ दिखाया गया। साराफ ने कहा,

"उनका पोते के साथ एक फोटोग्राफ है, जो डीपफेक है। यह असली तस्वीर नहीं है।"

अदालत की टिप्पणियां

मामले की सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति अरिफ एस. डॉक्टर ने अनियंत्रित फर्जी कंटेंट के फैलाव पर चिंता जताई। सुनवाई के दौरान उन्होंने टिप्पणी की,

"यह एआई और सोशल मीडिया… अगर इसे नियंत्रित न किया गया तो डरावना है कि लोग इसके साथ क्या-क्या कर सकते हैं।"

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अभिनेता के वकील ने यह भी बताया कि मेटा जैसी कंपनियों ने आपत्तिजनक सामग्री को हटाने के बजाय कुछ मामलों में सिर्फ "डीपफेक" टैग लगा दिया। साराफ का तर्क था कि इससे प्रसार रुकता नहीं और नुकसान भी थमता नहीं। उन्होंने यह भी बताया कि कुछ नकली एजेंट शेट्टी की ओर से झूठे एंडोर्समेंट्स का दावा कर रहे हैं और कई फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट उनके नाम से चल रहे हैं।

याचिका में सिर्फ मौजूदा कंटेंट हटाने की ही मांग नहीं है, बल्कि भविष्य में भी अभिनेता की छवि का दुरुपयोग रोकने के लिए "जॉन डो आदेश: (अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ आदेश) की भी प्रार्थना की गई है।

निर्णय

दलीलें सुनने के बाद न्यायमूर्ति डॉक्टर ने शेट्टी की अंतरिम याचिका पर आदेश सुरक्षित रखा, जिसमें उल्लंघनकारी सामग्री तुरंत हटाने की मांग की गई है।

अंतिम आदेश से यह स्पष्ट होगा कि डीपफेक्स के दौर में अदालतें सेलिब्रिटी अधिकारों की कितनी रक्षा कर सकती हैं।

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