हाल ही में एक मानहानि मामले में डी.बी. कॉर्प लिमिटेड, जो कि हिंदी अखबार दैनिक भास्कर का प्रकाशन करता है, ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि वह एक स्टिंग ऑपरेशन से जुड़े विवादित वीडियो से बीजेपी प्रवक्ता और वरिष्ठ अधिवक्ता नलिन कोहली का नाम और फोटो हटाएगा।
यह मामला न्यायमूर्ति मनीत प्रताप सिंह अरोड़ा की अदालत में पेश हुआ, जहां नलिन कोहली द्वारा दैनिक भास्कर, इसके पत्रकारों, एक्स कॉर्प (पहले ट्विटर) और कुछ अन्य व्यक्तियों के खिलाफ दायर मानहानि याचिका पर सुनवाई हो रही थी।
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इस याचिका में आरोप लगाया गया कि दैनिक भास्कर ने एक वीडियो और लेख प्रकाशित किया था, जिसमें झूठे तरीके से कोहली को राजनीतिक नेताओं के खिलाफ फेक न्यूज फैलाने से जोड़ा गया था। कोहली ने इस सामग्री को "झूठा और आधारहीन" बताते हुए कहा कि इससे उन्हें गलत तरीके से झूठे मीडिया अभियानों से जोड़ा गया।
“प्रकाशन ने न सिर्फ मेरे ऊपर झूठे आरोप लगाए और संकेत दिए कि मैं फेक इमेजेस और सोशल मीडिया अभियानों के निर्माण व वितरण में शामिल हूं, बल्कि मेरी छवि को बदनाम सामग्री के साथ गैर-जिम्मेदाराना तरीके से जोड़ा गया,” – कोहली ने याचिका में कहा।
वरिष्ठ अधिवक्ता अमन लेखी, जो कोहली की ओर से पेश हुए, और दैनिक भास्कर व इसके दो पत्रकारों की ओर से पेश वकील ने अदालत को बताया कि दोनों पक्षों के बीच बाहरी समझौता हो गया है।
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इस समझौते के अनुसार, अखबार समूह ने सहमति दी कि वह:
- नलिन कोहली की फोटो को विवादित वीडियो से हटाएगा,
- वीडियो में उनके नाम का ज़िक्र हटा दिया जाएगा या बीप कर दिया जाएगा,
- उनके नाम को लेख से हटा दिया जाएगा।
साथ ही, प्रकाशन ने यह भी स्वीकार किया कि वह अपनी वेबसाइट और आधिकारिक एक्स (ट्विटर) हैंडल पर हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में एक खंडन (corrigendum) प्रकाशित करेगा। कोहली के वकील ने यह भी कहा कि चूंकि लेख और वीडियो 7 दिनों तक सार्वजनिक डोमेन में रहे, इसलिए खंडन को भी उतनी ही अवधि तक प्रमुखता से दिखाया जाए।
“खंडन वेबसाइट के टॉप न्यूज़ सेक्शन में प्रकाशित किया जाएगा और 7 दिनों तक वहीं बना रहेगा,” – दैनिक भास्कर के वकील ने निर्देशानुसार अदालत को बताया।
इन बयानों के बाद, दिल्ली हाईकोर्ट ने दैनिक भास्कर और उसके दो पत्रकारों के खिलाफ याचिका का निपटारा कर दिया, और यह स्पष्ट किया कि ये सभी पक्ष अपने दिए गए बयानों के अनुसार बंधे रहेंगे।
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इसके अलावा, दैनिक भास्कर के वकील ने बताया कि एक अन्य प्रतिवादी, जो 15 अप्रैल को कंपनी छोड़ चुका है, उसने पहले ही अपने व्यक्तिगत एक्स हैंडल से विवादित पोस्ट और वीडियो हटा दिए हैं।
अदालत ने इस प्रतिवादी के खिलाफ एक अंतरिम निषेधाज्ञा (injunction) भी जारी की, जिसमें उसे भविष्य में किसी भी रूप में वीडियो या पोस्ट को दोबारा साझा करने से मना किया गया, और उसके खिलाफ भी मामला समाप्त कर दिया गया।
इस मानहानि याचिका में मूल रूप से प्रतिवादियों से 2 करोड़ रुपये के हर्जाने की मांग की गई थी, साथ ही विवादित सामग्री को हटाने और उसके आगे के प्रकाशन को रोकने की भी अपील की गई थी। कोहली ने अदालत से तात्कालिक राहत की भी मांग की थी ताकि वह वीडियो और संबंधित लेखों को तुरंत हटवा सकें।
कोहली ने आपत्ति जताई थी कि दैनिक भास्कर द्वारा प्रकाशित एक पोस्ट में स्टिंग ऑपरेशन से जुड़ा वीडियो और उसकी वेबसाइट पर उपलब्ध पूर्ण रिपोर्ट का लिंक साझा किया गया था।
याचिका के अनुसार, इस सामग्री में एक विजय शर्मा के बयान शामिल थे, जिन्होंने दावा किया था कि उनके कोहली के साथ फर्जी मीडिया अभियानों को लेकर "लेन-देन" हुए हैं। यह अभियान कथित तौर पर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के नेताओं जैसे राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, और सोनिया गांधी के खिलाफ चलाए गए थे।
“विजय शर्मा द्वारा दैनिक भास्कर टीम को दिए गए बयान मानहानिकारक थे और उनका प्रसारण बिना किसी सत्यापन के वेबसाइट व एक्स हैंडल पर किया गया,” – याचिका में कहा गया।
अब जबकि खंडन प्रकाशित किया जाना है और संबंधित सामग्री हटाई जानी है, अदालत ने दैनिक भास्कर, उसके पत्रकारों और उस पूर्व कर्मचारी के खिलाफ कार्यवाही को समाप्त कर दिया है, जिन्होंने पोस्ट साझा किया था।
शीर्षक: नलिन सत्यकाम कोहली बनाम डी.बी. कॉर्प लिमिटेड और ओआरएस