दिल्ली हाईकोर्ट ने 14 अक्टूबर 2025 को रवि मोहन स्टूडियोज प्राइवेट लिमिटेड को उसकी आगामी फिल्म के लिए “BroCode” शीर्षक इस्तेमाल करने से रोक दिया। यह आदेश इंडोस्पिरिट बेवरेजेस प्राइवेट लिमिटेड द्वारा दायर ट्रेडमार्क उल्लंघन की याचिका के बाद आया, जिसमें कंपनी ने अपने प्रसिद्ध ब्रांड नाम के दुरुपयोग का आरोप लगाया था।
न्यायमूर्ति तेजस करिया ने सुनवाई के दौरान कहा कि प्रतिवादी द्वारा समान शीर्षक का इस्तेमाल दर्शकों को भ्रमित कर सकता है और पेय कंपनी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा सकता है।
पृष्ठभूमि
दिल्ली स्थित इंडोस्पिरिट बेवरेजेस, वर्ष 2014 में स्थापित हुई थी और यह मादक एवं गैर-मादक पेय पदार्थों के निर्माण और विपणन का कार्य करती है। कंपनी का प्रमुख उत्पाद 'BROCODE', जो 2015 में लॉन्च हुआ था, अपने कार्बोनेटेड वाइन-इन-ए-पिंट फॉर्मेट के लिए युवाओं में बेहद लोकप्रिय है।
कंपनी का दावा है कि वर्षों में 'BROCODE' केवल पेय नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक ब्रांड बन चुका है - विशेषकर उसके डिजिटल प्रोजेक्ट्स जैसे BroCode Roast यूट्यूब सीरीज़ और Onam Ulsavam Song म्यूज़िक वीडियो के बाद, जिन्हें लाखों दर्शक मिले हैं।
मामला तब शुरू हुआ जब इंडोस्पिरिट को पता चला कि चेन्नई स्थित रवि मोहन स्टूडियोज अपनी नई फिल्म का शीर्षक BroCode रख चुका है। कंपनी ने तर्क दिया कि बिना अनुमति के समान नाम का प्रयोग ट्रेडमार्क का उल्लंघन है और इससे दर्शक भ्रमित हो सकते हैं कि फिल्म का कंपनी से कोई संबंध है।
कई बार लिखित संचार और नोटिस देने के बावजूद, प्रोडक्शन हाउस ने फिल्म का नाम बदलने से इंकार कर दिया। इस बीच, स्टूडियो ने मद्रास हाईकोर्ट से एक अंतरिम आदेश भी प्राप्त किया, जिसमें इंडोस्पिरिट को “अनुचित धमकी” देने से रोका गया था।
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अदालत की टिप्पणियाँ
न्यायमूर्ति करिया ने दोनों पक्षों के तर्क और प्रस्तुत दस्तावेजों की जांच की। अदालत ने पाया कि इंडोस्पिरिट का “BROCODE” कई श्रेणियों में पंजीकृत ट्रेडमार्क है, जिसमें पेय पदार्थ और मर्चेंडाइज शामिल हैं।
पीठ ने टिप्पणी की,
“वादी का यह चिह्न (मार्क) उसके साथ गहराई से जुड़ा हुआ है। प्रतिवादी द्वारा इसी शीर्षक का फिल्म में उपयोग उपभोक्ताओं के मन में भ्रम पैदा कर सकता है।”
अदालत ने कहा कि प्रतिवादी द्वारा समान नाम का चयन, जबकि उसे वादी के अधिकारों की जानकारी थी, जानबूझकर किया गया प्रतीत होता है और यह जनता को यह सोचने पर मजबूर कर सकता है कि फिल्म और पेय ब्रांड के बीच कोई व्यावसायिक संबंध है।
अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि ट्रेडमार्क सुरक्षा केवल उत्पाद श्रेणी तक सीमित नहीं होती। जब कोई ब्रांड विशेष पहचान और प्रतिष्ठा हासिल कर लेता है, तब असंबंधित व्यवसाय भी उसे इस तरह नहीं अपना सकते जिससे भ्रम या ब्रांड हानि हो।
“यदि प्रतिवादी को नहीं रोका गया, तो यह वादी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा सकता है और उपभोक्ता विश्वास तथा साख का ह्रास होगा,” न्यायमूर्ति करिया ने कहा।
निर्णय
सभी दस्तावेज़ों और दलीलों पर विचार करने के बाद अदालत ने माना कि इंडोस्पिरिट ने अंतरिम निषेधाज्ञा (ad-interim injunction) का पर्याप्त आधार प्रस्तुत किया है। अदालत के अनुसार, संतुलन वादी के पक्ष में है क्योंकि फिल्म अभी तक रिलीज़ नहीं हुई है।
इसलिए, न्यायमूर्ति करिया ने रवि मोहन स्टूडियो, उसके निदेशकों, वितरकों और सहयोगियों को अगले आदेश तक “BROCODE” शब्द का किसी भी रूप में-फिल्म शीर्षक, ट्रेलर, पोस्टर या ऑनलाइन प्रचार में-प्रयोग करने से रोका।
अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि स्टूडियो को फिल्म निर्माण से नहीं रोका गया है, बशर्ते वह विवादित शीर्षक का उपयोग न करे।
सरल शब्दों में कहें तो, दिल्ली हाईकोर्ट ने फिल्म के शीर्षक “BroCode” के इस्तेमाल पर अस्थायी रोक लगा दी है, यह मानते हुए कि इंडोस्पिरिट का यह नाम अब केवल पेय नहीं बल्कि एक सांस्कृतिक और व्यावसायिक पहचान बन चुका है।
Case Title: Indospirit Beverages Pvt. Ltd. v. Ravi Mohan Studios Pvt. Ltd.
Case Number: CS(COMM) 1104/2025
Date of Order: October 14, 2025










