गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने गुरुवार को एक अहम फैसला सुनाते हुए सिया देवी बनाम भारत संघ एवं चार अन्य के मामले को मध्यस्थता केंद्र भेज दिया। यह निर्णय पूरे देश में न्यायिक मामलों की भीड़ कम करने और तेज़ समाधान के लिए चलाए जा रहे विशेष अभियान ''राष्ट्रीय हित में मध्यस्थता'' के तहत आया है।
झारखंड के दुमका जिले की स्थायी निवासी सिया देवी ने भारत संघ और बीएसएफ के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ याचिका दायर की थी। न्यायमूर्ति कौशिक गोस्वामी की पीठ ने दोनों पक्षों की सहमति मिलने के बाद मामला मध्यस्थता केंद्र भेजने का आदेश दिया। इससे यह उम्मीद जगी है कि लंबित विवाद जल्द सुलझ पाएगा।
पृष्ठभूमि
यह याचिका 2024 के अंत में दाखिल की गई थी, जिसमें बीएसएफ से जुड़ी सेवा संबंधी गंभीर शिकायतें उठाई गई थीं। यद्यपि विवाद की पूरी जानकारी गोपनीय रखी गई है, लेकिन इस मामले की खासियत यह है कि इसे विशेष प्रक्रिया (SOP) के तहत राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) द्वारा अनुमोदित किया गया।
मध्यस्थता की प्रक्रिया में दोनों पक्ष एक स्वतंत्र मध्यस्थ की मदद से बातचीत करके समाधान निकालते हैं। यह पारंपरिक मुकदमेबाज़ी की तुलना में ज्यादा सहमतिपूर्ण और तेज़ तरीका माना जा रहा है। पूरे अभियान को जनता तक पहुंचाने के लिए बड़े पैमाने पर प्रचार भी किया गया है।
न्यायालय का विचार
सुनवाई के दौरान, सिया देवी के पक्षकार श्री के. डी. शर्मा और प्रतिवादी पक्ष की ओर से सुश्री एम. बीर्मन ने बताया कि दोनों पक्ष इस विशेष मध्यस्थता अभियान के तहत मध्यस्थता के लिए सहमत हैं।
पीठ ने कहा,
''मामला आज मध्यस्थता 'राष्ट्रीय हित में' अभियान के तहत सूचीबद्ध किया गया है ताकि न्याय प्रक्रिया को तेज़ किया जा सके और अनावश्यक लंबित मुकदमों से निजात मिले।''
निर्णय में यह भी स्पष्ट किया गया कि पक्षकार अगली मध्यस्थता सत्र के लिए 15 अक्टूबर 2025 को सुबह 11:30 बजे गुवाहाटी उच्च न्यायालय के मध्यस्थता केंद्र में उपस्थित होंगे। सुविधा को ध्यान में रखते हुए अदालत ने ऑनलाइन, ऑफलाइन या हाइब्रिड सत्र का विकल्प भी दिया है।
विशेष रूप से, न्यायालय ने मध्यस्थता समन्वयक श्री जोयदेव कोच का मोबाइल नंबर और ईमेल पता भी साझा किया ताकि पक्षकारों को कोई दिक्कत न हो।
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निर्णय और आगे की प्रक्रिया
अदालत ने रजिस्ट्री को निर्देश दिया कि सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। दोनों पक्षकारों को स्पष्ट रूप से कहा गया कि वे निर्धारित समय पर मध्यस्थता सत्र में उपस्थित हों।
यह कदम सरकार की उस योजना के अनुरूप है, जिसमें सार्वजनिक क्षेत्र के मामलों में पारंपरिक लंबित मुकदमों के बजाय जल्दी और संतोषजनक समाधान पर ध्यान दिया जा रहा है। न्यायालय ने यह भी संकेत दिया कि हर विवाद को लंबी कानूनी लड़ाई की जरूरत नहीं होती।
अदालत का यह आदेश उम्मीद जगाता है कि सिया देवी और भारत संघ के बीच चल रहा विवाद बिना कोर्ट के कठोर हस्तक्षेप के सुलझ जाएगा। पहला मध्यस्थता सत्र आगामी 15 अक्टूबर 2025 को निर्धारित किया गया है।
आदेश दिनांक: 11 सितंबर, 2025
अगली सुनवाई (मध्यस्थता सत्र): 15 अक्टूबर, 2025, सुबह 11:30 बजे
Case Tittle : सिया देवी बनाम भारत संघ और 4 अन्य
Case Number : WP(C)/3249/2024