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एनएच 544 पर पालीएक्कारा टोल प्लाजा में टोल वसूली के खिलाफ केरल हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर

Shivam Y.

त्रिशूर के एक वकील ने एनएच 544 के पालीएक्कारा टोल प्लाजा पर टोल वसूली को चुनौती देते हुए केरल हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है, जिसमें भारी ट्रैफिक और नीति दिशानिर्देशों के उल्लंघन का हवाला दिया गया है।

एनएच 544 पर पालीएक्कारा टोल प्लाजा में टोल वसूली के खिलाफ केरल हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर

त्रिशूर के एक वकील ने केरल हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका (PIL) दायर की है, जिसमें नेशनल हाईवे 544 (NH 544) पर स्थित पालीएक्कारा टोल प्लाज़ा में टोल वसूली को चुनौती दी गई है।

याचिकाकर्ता के अनुसार, एनएच 544 के मन्नूथी–एडाप्पल्ली खंड, विशेष रूप से पालीएक्कारा टोल प्लाज़ा के पास, भारी ट्रैफिक जाम हो रहा है। इसका मुख्य कारण चल रहे निर्माण कार्य हैं, खासकर वे अंडरपास परियोजनाएं जो राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा स्वीकृत की गई हैं।

याचिका में बताया गया है कि इस गंभीर ट्रैफिक स्थिति को देखते हुए त्रिशूर के जिला कलेक्टर (प्रतिवादी संख्या 5) ने एक आदेश (प्रदर्श-पी1) जारी किया था, जिसमें गुरुवायूर इंफ्रास्ट्रक्चर प्रा. लि. (प्रतिवादी संख्या 8) को कुछ समय के लिए टोल वसूली रोकने का निर्देश दिया गया था। इसका उद्देश्य यातायात सुचारु होने तक लोगों को राहत देना था।

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“हालांकि, अगले ही दिन एक और आदेश (प्रदर्श-पी2) जारी कर पहले आदेश को रद्द कर दिया गया और टोल वसूली फिर से शुरू करने की अनुमति दी गई।”

याचिकाकर्ता ने इस दूसरे आदेश को कोर्ट में चुनौती दी है और इसे अवैध, मनमाना और प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन बताया है। याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि उक्त रद्दीकरण आदेश किसी बाहरी प्रभाव या राजनीतिक दबाव के कारण लिया गया, जो जनहित और प्रशासनिक मर्यादा के खिलाफ है।

मामला जब सुनवाई के लिए अदालत में आया, तब याचिकाकर्ता ने प्रस्तुत किया कि टोल वसूली, NHAI/ नीति दिशानिर्देश/ प्लाज़ा प्रबंधन/2021 की परिपत्र संख्या 17.5.82 दिनांक 24.05.2021 के अनुसार नहीं हो रही है।

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“वहीं, प्रतिवादी संख्या 8 और NHAI ने कहा कि उक्त परिपत्र इस मामले में लागू नहीं होता और वे अलग-अलग काउंटर हलफनामे दायर करेंगे।”

केरल हाई कोर्ट ने अब इस मामले को 26 जून 2025 को अगली सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है।

यह याचिका एडवोकेट श्रीलक्ष्मी साबू और पी.के. सुभाष द्वारा याचिकाकर्ता की ओर से दायर की गई है।

मामले का शीर्षक: ओ.जे. जनीश बनाम भारत संघ एवं अन्य

मामला संख्या: WP(PIL) संख्या 35 ऑफ 2025