राजस्थान हाईकोर्ट की जयपुर पीठ की कोर्टरूम नंबर 3 में गुरुवार को एक नाटकीय मोड़ तब आया, जब जस्टिस सुधेश बंसल ने हुंडई इंडिया के शीर्ष अधिकारियों और इसके ब्रांड एंबेसडर्स शाहरुख खान व दीपिका पादुकोण के खिलाफ चल रही आपराधिक कार्यवाही पर तत्काल रोक लगा दी। मामला 2022 में बेची गई हुंडई अल्काजार कार में कथित मैन्युफैक्चरिंग दोषों से जुड़ा था, जिस पर अदालत ने फिलहाल संदेह जताया।
पृष्ठभूमि
पूरा विवाद तब शुरू हुआ जब भरतपुर के एक कार खरीदार ने शिकायत दर्ज कराई कि उसकी हुंडई अल्काजार (1.5 एटी सिग्नेचर ब्लैक) बार-बार खराब हो रही है, जबकि वह अभी मुश्किल से तीन साल पुरानी है और लगभग 67,000 किलोमीटर चल चुकी है। परेशान होकर उसने हुंडई से गाड़ी बदलने या पूरा पैसा लौटाने की मांग की। जब कंपनी ने कोई जवाब नहीं दिया, तो वह अदालत चला गया।
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भरतपुर की अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अदालत ने शिकायत को नए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) के प्रावधानों के तहत भरतपुर के मथुरागेट थाने भेज दिया, जिसके आधार पर एफआईआर नंबर 558/2025 दर्ज की गई। चौंकाने वाली बात यह थी कि शिकायत में न केवल डीलरशिप को बल्कि हुंडई के मैनेजिंग डायरेक्टर उनसू किम, सीओओ तरुण गर्ग और दोनों बॉलीवुड ब्रांड एंबेसडर्स को भी आरोपी बना दिया गया था।
अदालत की टिप्पणियां
खचाखच भरी अदालत में वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल - जो वर्चुअली पेश हुए - ने दो टूक कहा कि यह मामला "सार्वजनिक हस्तियों को परेशान करने के लिए आपराधिक कानून का दुरुपयोग" है। उन्होंने बताया कि न तो किम और न ही गर्ग का गाड़ी बेचने में कोई व्यक्तिगत हाथ था, और शाहरुख व दीपिका सिर्फ ब्रांड को प्रमोट करते हैं।
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पीठ ने टिप्पणी की, "भले ही वाहन में खराबी रही हो, लेकिन ब्रांड एंबेसडर्स या वरिष्ठ अधिकारियों पर, जिनका बिक्री से कोई सीधा संबंध नहीं, आपराधिक जिम्मेदारी नहीं थोपी जा सकती," वहां मौजूद एक वकील ने इस संवाददाता को बताया।
जस्टिस बंसल ने यह भी नोट किया कि हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड को शिकायत में पक्ष ही नहीं बनाया गया था। उन्होंने कहा कि खराब प्रोडक्ट से जुड़ी उपभोक्ता शिकायतें उपभोक्ता मंचों में जानी चाहिए, न कि आपराधिक अदालतों में - और वह भी सेलिब्रिटीज़ के खिलाफ तो बिल्कुल नहीं।
फैसला
मामले को पहली नजर में संदिग्ध मानते हुए अदालत ने शिकायतकर्ता को नोटिस जारी कर दिया है और भरतपुर मजिस्ट्रेट की अदालत से पूरी फाइल मंगवाई है। तब तक इन चारों याचिकाकर्ताओं के खिलाफ चल रही जांच पर रोक रहेगी।
जस्टिस बंसल ने एक असामान्य लेकिन व्यावहारिक सुझाव भी दिया - उन्होंने कहा,
"शिकायतकर्ता की जो भी शिकायत है, उसका समाधान मध्यस्थता के जरिए किया जा सकता है," और निर्देश दिया कि हुंडई या उसके स्थानीय डीलर का कोई अधिकृत अधिकारी शिकायतकर्ता से बातचीत कर इस विवाद को सुलझाने की कोशिश करे।
अब यह मामला 25 सितंबर को अगली सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है, और जांच अधिकारी को शिकायतकर्ता को इन कार्यवाहियों की जानकारी देने को कहा गया है। फिलहाल, इन हाई-प्रोफाइल आरोपियों ने कुछ समय के लिए राहत की सांस ली है।
केस का शीर्षक: शाहरुख खान बनाम राजस्थान राज्य और अन्य और बैच