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पश्चिम बंगाल में कुलपति नियुक्तियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया रास्ता

Vivek G.

सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल के विश्वविद्यालयों में कुलपति नियुक्ति को लेकर अपने पुराने आदेश में संशोधन किया। अब जस्टिस यू.यू. ललित की अध्यक्षता वाली समिति स्वतंत्र रूप से उम्मीदवारों का मूल्यांकन करेगी और मुख्यमंत्री तथा राज्यपाल दोनों की राय पर विचार करेगी।

पश्चिम बंगाल में कुलपति नियुक्तियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया रास्ता

भारत के सुप्रीम कोर्ट ने 1 अगस्त 2025 को पश्चिम बंगाल के 36 विश्वविद्यालयों में कुलपति (VC) नियुक्ति से जुड़ी याचिका पर सुनवाई की। यह मामला राज्य सरकार और कुलाधिपति (राज्यपाल) के बीच चयन प्रक्रिया को लेकर हुए विवाद से जुड़ा था।

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08 जुलाई 2024 को दिए गए आदेश में कोर्ट ने जस्टिस यू.यू. ललित (पूर्व मुख्य न्यायाधीश) की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय चयन समिति गठित की थी। इस समिति को विश्वविद्यालय के प्रावधानों से हटकर योग्य उम्मीदवारों की सूची तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई थी।

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“कुलाधिपति को मुख्यमंत्री द्वारा सुझाए गए नामों में से नियुक्ति करनी होगी, जब तक कि वह किसी उपयुक्त आपत्ति का आधार न दें।” — सुप्रीम कोर्ट का 08.07.2024 का आदेश

11 जुलाई 2025 को जस्टिस ललित ने रिपोर्ट सौंपते हुए कुछ अहम बातें रखीं:

  • 7 विश्वविद्यालयों में, कुलाधिपति ने मुख्यमंत्री की पहली पसंद की जगह दूसरी पसंद को अधिक उपयुक्त माना।
  • 8 विश्वविद्यालयों में, तीसरी पसंद के उम्मीदवारों को पहले और दूसरे की तुलना में ज्यादा उपयुक्त पाया गया।
  • रवींद्र भारती विश्वविद्यालय के मामले में, प्रोफेसर सोनाली चक्रवर्ती बनर्जी का नाम पहले ही पश्चिम बंगाल स्टेट यूनिवर्सिटी में चयनित हो चुका था, इसलिए उन्हें विचार में नहीं लिया गया।

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इन स्थितियों को देखते हुए और दोनों पक्षों की दलीलें सुनकर कोर्ट ने पुराने आदेश में कुछ जरूरी बदलाव किए:

1. जस्टिस ललित समिति को स्वतंत्रता

“जस्टिस ललित और उनकी समिति मुख्यमंत्री की प्राथमिकता क्रम को अनदेखा कर स्वतंत्र रूप से सबसे योग्य उम्मीदवार का चयन कर सकती है।”

2. सभी पक्षों की राय का सम्मान

“समिति को कुलाधिपति और मुख्यमंत्री दोनों की राय और कारणों को समुचित महत्व देना होगा।”

3. शेष नियुक्तियों को लेकर विशेष निर्देश

  • यदि प्रो. सोनाली चक्रवर्ती बनर्जी रवींद्र भारती विश्वविद्यालय में कार्यभार संभालना चाहती हैं, तो कुलाधिपति को उनकी नियुक्ति तुरंत मंजूर करनी होगी।
  • पश्चिम बंगाल स्टेट यूनिवर्सिटी के लिए नया पैनल तैयार करने की जिम्मेदारी फिर से समिति को दी गई है।
  • कूच बिहार पंचानन बरमा विश्वविद्यालय में यदि कोई वैध आपत्ति नहीं है, तो मुख्यमंत्री की पहली पसंद को ही नियुक्त किया जाए।

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  1. जस्टिस ललित समिति को अब शेष 15 विश्वविद्यालयों (7+8) के लिए अपना स्वतंत्र प्राथमिकता क्रम तय करने का अधिकार दे दिया गया है।
  2. कोर्ट को पूर्ण विश्वास है कि यह कार्य शीघ्र पूरा किया जाएगा ताकि लंबित नियुक्तियों को अंतिम रूप दिया जा सके।
  3. अगली सुनवाई 26 सितंबर 2025 को होगी।

मामले का शीर्षक: पश्चिम बंगाल राज्य बनाम डॉ. सनत कुमार घोष एवं अन्य

याचिका का प्रकार: विशेष अपील अनुमति (सी) संख्या 17403/2023

उत्पन्न: कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा WPA(P) संख्या 272/2023 में पारित अंतिम निर्णय दिनांक 28.06.2023

सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की तिथि: 01 अगस्त 2025