Logo
Court Book - India Code App - Play Store

advertisement

सुप्रीम कोर्ट ने 75 वर्षीय विधवा की सजा घटाई, जुर्माना बढ़ाया

Vivek G.

सुप्रीम कोर्ट ने 75 वर्षीय विधवा की सजा घटाई, जुर्माना बढ़ाया

सुप्रीम कोर्ट ने के. पौनम्मल, जो केंद्रीय उत्पाद शुल्क की पूर्व निरीक्षक थीं, के खिलाफ दिए गए फैसले में बदलाव किया है। उन्हें भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत दोषी ठहराया गया था। अदालत ने ₹300 की रिश्वत लेने का दोष बरकरार रखते हुए उनकी जेल की सजा घटाकर केवल पहले से भुगती गई अवधि मान ली है। हालांकि, कोर्ट ने उन पर लगाया गया जुर्माना बढ़ाकर ₹25,000 कर दिया है।

Read in English

मामले की पृष्ठभूमि

यह मामला सितंबर 2002 का है, जब सिवकासी स्थित परानी माच फैक्ट्री के एक सुपरवाइजर ने नया केंद्रीय उत्पाद शुल्क पंजीकरण प्रमाणपत्र पाने के लिए आवेदन किया था। यह आवेदन पौनम्मल के अधिकार क्षेत्र में आया। अभियोजन के अनुसार, पौनम्मल ने इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए ₹300 की अवैध रिश्वत मांगी।

यह भी पढ़ें: वकील पर पुलिस के क्रूर हमले के बाद कोलकाता के वकीलों ने अदालत का बहिष्कार किया

शिकायतकर्ता ने सीबीआई में शिकायत दर्ज कराई। सीबीआई ने जाल बिछाकर पौनम्मल को रिश्वत लेते हुए पकड़ा। उनके हाथों पर की गई फिनॉल्फथेलीन जांच (Phenolphthalein Test) में भी रिश्वत लेने की पुष्टि हुई। 2003 में सीबीआई की विशेष अदालत ने उन्हें दोषी ठहराया और जेल की सजा सुनाई। 2010 में मद्रास हाईकोर्ट ने इस सजा को बरकरार रखा।

पौनम्मल ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की। हालांकि उन्होंने अपनी दोषसिद्धि को चुनौती नहीं दी, लेकिन सजा कम करने की गुजारिश की। उनके वकील ने तर्क दिया कि यह घटना बीस साल से भी अधिक पुरानी है, वह पहले ही 31 दिन जेल में बिता चुकी हैं और अब वह 75 वर्षीय विधवा हैं जो अकेली रहती हैं।

यह भी पढ़ें: शिशु हत्या मामले में सुप्रीम कोर्ट ने नीलम कुमारी को बरी किया, कमजोर सबूत और मकसद की कमी का हवाला दिया

न्यायमूर्ति एन.वी. अंजरिया और न्यायमूर्ति अतुल एस. चंदूरकर ने पुराने फैसलों का हवाला दिया, जिनमें लंबी देरी और छोटे रिश्वत मामलों में जेल की सजा घटाई गई थी।

“किसी आपराधिक मामले का लंबे समय तक लंबित रहना अपने आप में एक तरह की सजा है। यह उस व्यक्ति के लिए मानसिक कारावास जैसा है जो ऐसे मुकदमे का सामना कर रहा है।”

अदालत ने कहा कि सजा तय करते समय केवल डराने और दंड देने पर ही नहीं, बल्कि सुधार पर भी ध्यान देना चाहिए, खासकर जब उम्र, विधवा होने और मुकदमे की लंबी अवधि जैसी परिस्थितियाँ हों।

यह भी पढ़ें: तेलंगाना उच्च न्यायालय ने एससी/एसटी अत्याचार मामले को खारिज कर दिया, वैवाहिक विवाद में आरोपों को सार्वजनिक

सुप्रीम कोर्ट ने दोषसिद्धि को बरकरार रखते हुए सजा में बदलाव किया:

  • पहले से भुगती गई 31 दिन की जेल को पर्याप्त माना।
  • जुर्माना बढ़ाकर ₹25,000 कर दिया गया। यह राशि 10 सितंबर 2025 तक जमा करनी होगी।
  • यदि जुर्माना समय पर जमा नहीं किया गया तो पुरानी सजा फिर से लागू होगी और आरोपी को आत्मसमर्पण करना होगा।

केस का नाम: K. Pounammal बनाम State Represented by Inspector of Police

केस नंबर: Criminal Appeal No. 1716 of 2011

जजमेंट दिनांक: 21 अगस्त 2025

अपीलकर्ता (Appellant): K. Pounammal (पूर्व Inspector of Central Excise)

प्रतिवादी (Respondent): State Represented by Inspector of Police

Advertisment

Recommended Posts

आर्मर सिक्योरिटी की CGST समन चुनौती सुप्रीम कोर्ट ने की खारिज

आर्मर सिक्योरिटी की CGST समन चुनौती सुप्रीम कोर्ट ने की खारिज

15 Aug 2025 10:45 AM
पहलागाम हमले का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर राज्य का दर्जा बहाल करने पर केंद्र से जवाब मांगा

पहलागाम हमले का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर राज्य का दर्जा बहाल करने पर केंद्र से जवाब मांगा

14 Aug 2025 2:30 PM
दिल्ली मर्डर केस में ओलंपियन सुशील कुमार की जमानत सुप्रीम कोर्ट ने रद्द की

दिल्ली मर्डर केस में ओलंपियन सुशील कुमार की जमानत सुप्रीम कोर्ट ने रद्द की

14 Aug 2025 12:22 PM
प्रशासनिक आवश्यकता को देखते हुए हाईकोर्ट ने पंचायत सचिव के तबादले के आदेश को बरकरार रखा

प्रशासनिक आवश्यकता को देखते हुए हाईकोर्ट ने पंचायत सचिव के तबादले के आदेश को बरकरार रखा

16 Aug 2025 3:56 PM
आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने भूमि अधिग्रहण मामले में मुआवजा दावा तय करने का निर्देश दिया

आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने भूमि अधिग्रहण मामले में मुआवजा दावा तय करने का निर्देश दिया

14 Aug 2025 8:14 PM
शिशु हत्या मामले में सुप्रीम कोर्ट ने नीलम कुमारी को बरी किया, कमजोर सबूत और मकसद की कमी का हवाला दिया

शिशु हत्या मामले में सुप्रीम कोर्ट ने नीलम कुमारी को बरी किया, कमजोर सबूत और मकसद की कमी का हवाला दिया

21 Aug 2025 11:01 PM
विधवा की मान्यता को लेकर विवाद के बीच राजस्थान हाई कोर्ट ने डिप्लोमा परीक्षा में बैठने की अनुमति दी

विधवा की मान्यता को लेकर विवाद के बीच राजस्थान हाई कोर्ट ने डिप्लोमा परीक्षा में बैठने की अनुमति दी

18 Aug 2025 1:14 PM
MP हाईकोर्ट ने कॉलेज एफिलिएशन धोखाधड़ी मामले में एफआईआर और SIT जांच का दिया आदेश

MP हाईकोर्ट ने कॉलेज एफिलिएशन धोखाधड़ी मामले में एफआईआर और SIT जांच का दिया आदेश

21 Aug 2025 9:19 PM
पटना उच्च न्यायालय ने बिहार संस्कृतिक विद्यापीठ के लिए स्टेटस कोव आदेश में संशोधन किया

पटना उच्च न्यायालय ने बिहार संस्कृतिक विद्यापीठ के लिए स्टेटस कोव आदेश में संशोधन किया

14 Aug 2025 5:48 PM
सुप्रीम कोर्ट तय करेगा कि क्या भारतीय खातों में मर्चेंट नेवी का वेतन कर योग्य है

सुप्रीम कोर्ट तय करेगा कि क्या भारतीय खातों में मर्चेंट नेवी का वेतन कर योग्य है

19 Aug 2025 11:57 AM