इंडियामार्ट बनाम ओपनएआई: कलकत्ता उच्च न्यायालय ने इंडियामार्ट के खिलाफ प्रथम दृष्टया भेदभाव पाया, खोज परिणामों पर प्रतिबंध के मामले में ओपनएआई को नया नोटिस जारी करने का आदेश दिया

By Shivam Y. • December 26, 2025

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने चैटजीपीटी से इंडियामार्ट को बाहर रखे जाने पर सवाल उठाया। न्यायालय ने प्रथम दृष्टया भेदभाव देखा और ओपनएआई से जवाब मांगा; अगली सुनवाई 13 जनवरी, 2026 को होगी। - इंडियामार्ट इंटरमेश लिमिटेड बनाम ओपनएआई इंक. और अन्य

कोलकाता, 24 दिसंबर 2025 - छुट्टियों से पहले की भीड़ वाले दिन में, कोलकाता हाई कोर्ट ने IndiaMART की उस शिकायत पर गंभीरता दिखाई जिसमें दावा किया गया है कि OpenAI के ChatGPT प्लेटफॉर्म से कंपनी को बिना उचित कारण के बाहर रखा जा रहा है। न्यायमूर्ति रवि कृष्ण कपूर की एकल पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि मामला “prima facie (पहली नज़र में)” भेदभाव जैसा प्रतीत हो रहा है। हालांकि अदालत ने तुरंत कोई राहत देने से इनकार कर दिया।

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पृष्ठभूमि

IndiaMART, जो एक बड़ा B2B ऑनलाइन बाज़ार और लिस्टिंग प्लेटफॉर्म है, ने आरोप लगाया कि ChatGPT पर खोज करने पर उसकी वेबसाइट और प्रोफ़ाइल सामने नहीं आती, जबकि अन्य ई-कॉमर्स और मार्केटप्लेस दिखाई दे रहे हैं। कंपनी का कहना है कि इससे उनकी प्रतिष्ठा, कारोबार और ऑनलाइन ट्रैफिक पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।

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कंपनी ने यह भी कहा कि उनका ब्रांड “IndiaMART” भारत में सुविख्यात ट्रेडमार्क के रूप में मान्यता प्राप्त है और उन्हें ऐसा कोई नोटिस नहीं दिया गया जिसमें यह बताया जाए कि उन्हें किसी विदेशी रिपोर्ट के आधार पर हटाया जा रहा है।

मुख्य विवाद एक USTR (United States Trade Representatives) रिपोर्ट को लेकर है, जिसमें कथित रूप से IndiaMART का नाम दर्ज है। याचिकाकर्ता का दावा है कि OpenAI इसी रिपोर्ट को आधार बनाकर उन्हें ChatGPT के परिणामों से बाहर रख रहा है, जबकि DHGate, Pinduoduo, Shopee और Taobao जैसे अन्य प्लेटफॉर्म, जिनका नाम भी उसी रिपोर्ट में मिलता है, फिर भी दिखाई दे रहे हैं।

अदालत की टिप्पणियाँ

सुनवाई के दौरान अदालत ने साफ कहा कि इस स्तर पर दिखाई पड़ रहा भेदभाव अनदेखा नहीं किया जा सकता।

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“पहली नज़र में प्रतीत होता है कि याचिकाकर्ता को बिना उचित तर्क के चयनात्मक रूप से बाहर किया गया है,” अदालत ने टिप्पणी की।

इसके साथ ही यह भी माना गया कि यदि अभी कोई बड़ा आदेश पारित किया जाए तो वह अंतिम राहत जैसा हो जाएगा, जो प्रक्रिया के अनुसार उचित नहीं होगा।

“इस चरण पर राहत देना मानो अंतिम डिक्री दे देने जैसा होगा,” न्यायालय ने मौखिक रूप से कहा।

अदालत ने यह भी उल्लेख किया कि केंद्र सरकार की प्रेस विज्ञप्ति में साफ किया गया है कि USTR रिपोर्ट भारत पर बाध्यकारी (binding) नहीं है, और यह बिंदु OpenAI द्वारा संबोधित ही नहीं किया गया था। यानि एक तरह से “बिना जांच परख, विदेशी रिपोर्ट पर भरोसा” करने जैसा आरोप अदालत के समक्ष दर्ज हुआ।

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अदालत का निर्णय

अंतत: अदालत ने अंतरिम राहत नहीं दी, लेकिन IndiaMART को निर्देश दिया कि वे OpenAI को कूरियर, ईमेल और अन्य उपयुक्त माध्यमों से दोबारा नोटिस भेजें ताकि अगली तारीख पर जवाब सुनिश्चित हो सके।

मामले की अगली सुनवाई 13 जनवरी 2026 को निर्धारित की गई है।

इस प्रकार आदेश यहीं समाप्त हुआ अब अगली सुनवाई ही यह तय करेगी कि आगे रास्ता किस दिशा में जाता है।

Case Title: IndiaMART InterMESH Limited vs OpenAI Inc. & Others

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