दिल्ली हाईकोर्ट ने एक फुटवियर निर्माता रेड रोज इंडस्ट्रीज को हार्ले-डेविडसन के प्रतिष्ठित ईगल लोगो का उपयोग करने से स्थायी रूप से रोक दिया है, यह मानते हुए कि यह ट्रेडमार्क और कॉपीराइट का स्पष्ट उल्लंघन है। साथ ही कोर्ट ने प्रतिवादी पर ₹5,00,000 का हर्जाना और कानूनी खर्च भी लगाया।
"प्रतिवादी ने वादी के ट्रेडमार्क/कलात्मक कृतियों की प्रतिष्ठा और सद्भावना का अनुचित लाभ उठाया है और उपभोक्ताओं को धोखे में डालते हुए, वादी के साथ झूठे संबंध दर्शाए हैं।"
— न्यायमूर्ति अमित बंसल, दिल्ली हाईकोर्ट
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मामले की पृष्ठभूमि
यह मामला CS(COMM) 609/2023 Harley-Davidson USA LLC द्वारा दायर किया गया था, जो एक वैश्विक स्तर पर प्रसिद्ध मोटरसाइकिल ब्रांड है और जूते, परिधान तथा अन्य एक्सेसरीज़ का भी व्यापार करता है। कंपनी अपने Eagle device/logo और Bar & Shield डिज़ाइन जैसे विशिष्ट लोगो का उपयोग अपने उत्पादों की ब्रांडिंग के लिए करती है।
वादी ने बताया कि 1930 के दशक से लगातार इन ट्रेडमार्क्स का उपयोग होने के कारण, इन लोगो ने वैश्विक स्तर पर ग्राहकों में विशिष्ट पहचान बना ली है। हार्ले-डेविडसन के पास दुनिया भर में 2200 से अधिक ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन हैं, जिनमें भारत में भी कई वर्गों में पंजीकरण शामिल हैं।
भारत में, कंपनी ने 2009 में अपनी सहायक कंपनी के माध्यम से संचालन शुरू किया और बाद में हीरो मोटोकॉर्प के साथ साझेदारी की। कंपनी का एक सशक्त डिजिटल और डीलरशिप नेटवर्क है, जिससे वह अपने उत्पाद बेचती है।
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जुलाई 2023 में, हार्ले-डेविडसन को पता चला कि रेड रोज इंडस्ट्रीज, जो ‘Rontex’ ब्रांड के अंतर्गत जूते बेचती है, उसके द्वारा हार्ले-डेविडसन के ईगल लोगो से मिलता-जुलता चिन्ह अपने उत्पादों पर इस्तेमाल किया जा रहा है।
"प्रतिवादी ने न केवल 'स्क्रीमिंग ईगल' की नकल की, बल्कि वादी के 'बार एंड शील्ड' लोगो की रूपरेखा भी हूबहू अपनाई। प्रतिवादी ने 'HARLEY-DAVIDSON CLOTHES' शब्द को हटा कर 'SPORTS CASUAL' कर दिया।"
— दिल्ली हाईकोर्ट
प्रतिवादी के उत्पाद ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों में बेचे जा रहे थे, विशेषकर Amazon, Flipkart और IndiaMART जैसे प्लेटफ़ॉर्म पर। वादी के प्रतिनिधि ने प्रतिवादी की दुकान पर जाकर जांच की, जहां 640 जोड़ी जूते मिले जिन पर उल्लंघनकारी चिन्ह मौजूद था। कोर्ट द्वारा नियुक्त स्थानीय आयुक्त ने इन वस्तुओं की सूची बनाई और उल्लंघन की पुष्टि की।
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25 सितंबर 2023 को कोर्ट ने अंतरिम रोक का आदेश दिया, जिससे प्रतिवादी को चिन्ह का उपयोग करके जूते बेचने या बेचने के लिए स्टॉक करने से रोका गया। यह रोक ऑनलाइन बिक्री पर भी लागू थी और स्टॉक की स्थिति यथावत रखने के निर्देश दिए गए।
इसके बावजूद, प्रतिवादी ने बार-बार अवसर दिए जाने के बाद भी कोई लिखित बयान प्रस्तुत नहीं किया। लिखित बयान दाखिल करने में बार-बार खामियां और विलंब के चलते, 21 अगस्त 2024 को जॉइंट रजिस्ट्रार ने यह अधिकार बंद कर दिया।
"कोर्ट को यह देखना होता है कि प्रतिवादी के पास दावे का बचाव करने का 'यथार्थवादी' अवसर है या सिर्फ काल्पनिक।"
— Su-Kam Power Systems Ltd. बनाम Kunwer Sachdev (कोर्ट द्वारा संदर्भित)
इन परिस्थितियों को देखते हुए, वादी ने सिविल प्रक्रिया संहिता की आदेश XIII-A के तहत समरी जजमेंट की अर्जी दाखिल की। प्रतिवादी की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया, इसलिए कोर्ट ने मौखिक गवाही की आवश्यकता न मानते हुए केस का निपटारा कर दिया।
न्यायमूर्ति अमित बंसल ने यह पाया कि प्रतिवादी का लोगो संरचनात्मक और दृश्य रूप से हार्ले-डेविडसन के लोगो से लगभग समान है। कोर्ट ने यह भी उल्लेख किया कि:
- प्रतिवादी ने केवल ब्रांड नाम बदला, बाकी डिज़ाइन समान रखा।
- यह जानबूझकर वादी की प्रतिष्ठा और लोगो की पहचान का अनुचित लाभ उठाने का प्रयास था।
- इन उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री से उपभोक्ता भ्रमित हो सकते हैं और इन्हें हार्ले-डेविडसन से जुड़ा हुआ समझ सकते हैं।
कोर्ट ने यह भी माना कि स्थानीय आयुक्त की रिपोर्ट को चुनौती न दिए जाने पर उसे साक्ष्य के रूप में माना जा सकता है, जिससे यह सिद्ध होता है कि उल्लंघन हुआ है।
- स्थायी निषेधाज्ञा (permanent injunction): प्रतिवादी को हार्ले-डेविडसन के समान या मिलते-जुलते किसी भी लोगो का उपयोग करने से रोका गया।
- जब्त किए गए सामानों का विनाश: प्रतिवादी को निर्देश दिया गया कि वह स्थानीय आयुक्त द्वारा सूचीबद्ध सभी जूतों को वादी के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में नष्ट करे।
- ₹5,00,000 हर्जाना और कानूनी खर्च: प्रतिवादी को भुगतान करना होगा।
"रिकॉर्ड पर कोई बचाव न होने से यह साफ है कि प्रतिवादी के पास कोई ठोस जवाब नहीं है। ऐसे में समरी जजमेंट उपयुक्त है।"
— न्यायमूर्ति अमित बंसल
कोर्ट ने निर्देश दिया कि डिक्री शीट तैयार की जाए और मामला यहीं समाप्त किया गया।
केस का शीर्षक: एच-डी यू.एस.ए., एलएलसी बनाम विजयपाल धायल रेड रोज इंडस्ट्रीज के मालिक/स्वामित्वधारी (सीएस(कॉम) 609/2023)