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दिल्ली हाई कोर्ट ने अवैध पोस्टरों पर एक साल की कार्रवाई रिपोर्ट मांगी, MCD और पुलिस से पूछे सख्त सवाल

Vivek G.

दिल्ली हाई कोर्ट ने अवैध पोस्टरों और बैनरों पर कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी। MCD और दिल्ली पुलिस को 4 सप्ताह में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश।

दिल्ली हाई कोर्ट ने अवैध पोस्टरों पर एक साल की कार्रवाई रिपोर्ट मांगी, MCD और पुलिस से पूछे सख्त सवाल

बुधवार को हुई एक संक्षिप्त परंतु सीधे सवालों वाली सुनवाई में दिल्ली हाई कोर्ट ने नगर निगम दिल्ली (MCD) और दिल्ली पुलिस से पूछा कि पिछले एक साल में शहर में लगने वाले अवैध पोस्टर, होर्डिंग और बैनरों को हटाने और रोकने के लिए उन्होंने क्या ठोस कदम उठाए हैं। मामला जन सेवा वेलफेयर सोसाइटी की जनहित याचिका पर सुनवाई का था, जिसमें कहा गया है कि दिल्ली रोकथाम अपमानजनक संपत्ति अधिनियम, 2007 को लागू करने में सरकारी संस्थाएं विफल रही हैं।

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Background (पृष्ठभूमि)

याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि 2018 में अदालत के आदेश के बाद एक विस्तृत नीति और कार्यप्रणाली (SOP) पहले से लागू है, लेकिन इसके बावजूद शहर की दीवारें, फ्लाईओवर के खंभे और बाजारों के प्रवेश द्वार राजनीतिक और निजी विज्ञापनों से भरे रहते हैं, खासकर चुनावी मौसम में। वकील ने कहा, “हर दीवार और खंभा एक विज्ञापन बोर्ड जैसा बन चुका है।”

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अदालत ने याद दिलाया कि यह नीति Col. Shivraj Kumar v. SDMC & Ors. (2018) केस के बाद बनी थी, जिसमें नागरिक संस्थाओं को अवैध पोस्टरों को हटाने और कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया था।

Court’s Observations (कोर्ट की टिप्पणियाँ)

मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने तर्कों को सुनने के बाद सीधे संबंधित अधिकारियों की ओर देखा और कहा कि कानून तभी प्रभावी होता है जब उसका पालन वास्तव में किया जाए।

पीठ ने टिप्पणी की, “यदि नीति केवल कागजों पर है, तो इसका उद्देश्य ही समाप्त हो जाता है। हमें ज़मीन पर वास्तविक कार्यवाही चाहिए।”

कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह सिर्फ सफाई या सुंदरता से जुड़ा मुद्दा नहीं है, बल्कि जवाबदेही और प्रशासनिक अनुशासन का भी सवाल है।

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Decision (निर्णय)

अदालत ने MCD को निर्देश दिया कि वह पिछले एक वर्ष में की गई सभी कार्रवाई पोस्टर हटाने के अभियान और लगाए गए जुर्माने सहित का विस्तृत हलफनामा दाखिल करे।
साथ ही, दिल्ली पुलिस को भी निर्देश दिया गया कि वह 2007 वाले कानून के तहत दर्ज किए गए मामलों और अभियोजन की रिपोर्ट चार सप्ताह में दाखिल करे।

दोनों पक्षों को ये रिपोर्टें याचिकाकर्ता को भी उपलब्ध करानी होंगी।
मामले की अगली सुनवाई 11 फरवरी 2026 को होगी।

Case Title: Jan Seva Welfare Society v. Government of NCT of Delhi & Others 2025-3-628828

Court: Delhi High Court, New Delhi 2025-3-628828

Case Number: W.P.(C) 16339/2025 2025-3-628828

Petitioner: Jan Seva Welfare Society 2025-3-628828

Respondents:

  • Government of NCT of Delhi
  • Municipal Corporation of Delhi (MCD)
  • Union Government (represented through CGSC) 2025-3-628828

Next Hearing Date: 11 February 2026. 2025-3-628828

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