Logo
Court Book - India Code App - Play Store

यूएपीए मामले में जमानत खारिज: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने कहा – पांच साल ट्रायल पूरा नहीं हुआ, K.A. Najeeb का नियम लागू नहीं

15 Jun 2025 4:21 PM - By Shivam Y.

यूएपीए मामले में जमानत खारिज: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने कहा – पांच साल ट्रायल पूरा नहीं हुआ, K.A. Najeeb का नियम लागू नहीं

जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने Unlawful Activities (Prevention) Act – UAPA के तहत आरोपी की जमानत याचिका को खारिज करते हुए कहा कि विस्फोटकों की बरामदगी और आतंकवादी संगठन से संबंध जैसे गंभीर आरोपों के चलते इस स्टेज पर रिहाई का कोई आधार नहीं बनता।

जस्टिस रजनेश ओसवाल और जस्टिस संजय परिहार की डिवीजन बेंच ने कहा कि आरोपी ने भले ही चार साल से ज्यादा हिरासत में बिताए हों, लेकिन ट्रायल जारी है और ग्यारह गवाहों की गवाही हो चुकी है, जिससे यह नहीं कहा जा सकता कि अनुचित देरी हो रही है।

“चूंकि पांच साल पूरे नहीं हुए हैं, इसलिए K.A. Najeeb का सिद्धांत याचिकाकर्ताओं पर अधिकार के रूप में लागू नहीं किया जा सकता,” कोर्ट ने कहा।

Read Also:- दिल्ली उच्च न्यायालय ने डीडीए के खिलाफ रिलायंस की ₹459 करोड़ रिफंड याचिका को खारिज कर दिया, भूमि विवाद में पूर्ण सुनवाई की आवश्यकता का हवाला दिया

कोर्ट ने यह भी माना कि यूएपीए की धारा 43D(5) के तहत जमानत पर सख्त पाबंदी है और जब आरोप इतने गंभीर हैं तो राहत नहीं दी जा सकती। कोर्ट ने साफ किया कि सामान्य जमानत सिद्धांत इन मामलों में लागू नहीं होते।

“‘जमानत, न कि जेल’ का सिद्धांत यूएपीए अपराधों पर सामान्य रूप से लागू नहीं होता,” कोर्ट ने कहा और गुरिंदर सिंह और पीरज़ादा शाह फ़हद मामलों का हवाला दिया, हालांकि बाद वाले मामले को तथ्यों के आधार पर अलग बताया।

कोर्ट ने कहा कि आरोपी यह सिद्ध नहीं कर पाए कि मामला कमजोर है या आरोप केवल सुनी-सुनाई बातों पर आधारित हैं। UAPA की धारा 18 (षड्यंत्र), धारा 23 (विस्फोटक रखने की सजा), धारा 39 (आतंकी संगठन को समर्थन) और आर्म्स एक्ट के तहत आरोप तय हो चुके हैं, जिससे हिरासत जारी रखने का आधार बनता है।

Read Also:- सर्वोच्च न्यायालय: रेस जुडिकाटा एक ही मामले के विभिन्न चरणों पर लागू होता है, न कि केवल अलग-अलग कार्यवाही पर

“व्यक्ति की स्वतंत्रता राष्ट्रीय सुरक्षा से ऊपर नहीं हो सकती,” कोर्ट ने कहा और माना कि ये कार्य सामान्य अपराध नहीं बल्कि डर और अराजकता फैलाने के उद्देश्य से किए गए थे।

पृष्ठभूमि

यह मामला तब शुरू हुआ जब संगम, अनंतनाग के पास एक चेकपोस्ट पर दो लोगों को रोका गया, और तलाशी के दौरान 2 पिस्टल, 13 मैगजीन और 116 जिंदा कारतूस बरामद हुए। इसके आधार पर आर्म्स एक्ट और यूएपीए के तहत एफआईआर दर्ज हुई।

जांच में पता चला कि आरोपियों के जैश-ए-मोहम्मद (JeM) जैसे प्रतिबंधित आतंकी संगठन से संबंध थे। पूछताछ में एक आरोपी के पास से हैंड ग्रेनेड और दूसरे के पास से 1 किलो विस्फोटक सामग्री मिली। साथ ही, इनका संबंध उन आतंकियों से था जो मुठभेड़ में मारे गए।

Read Also:- सुप्रीम कोर्ट: रेस जुडिकाटा सीपीसी के तहत कानूनी उत्तराधिकारी के अभियोग पर लागू होता है

बचाव पक्ष ने तर्क दिया कि जनवरी 2021 से हिरासत में हैं, ट्रायल में देरी हो रही है, और केवल कुछ गवाहों की गवाही हुई है। उन्होंने कहा कि सीधे कोई सबूत नहीं, केवल सह-आरोपियों के बयान हैं।

वहीं, अभियोजन ने जमानत का विरोध किया, कहा कि आरोपी प्रत्यक्ष रूप से विस्फोटक और हथियारों के साथ पकड़े गए, उनके सक्रिय आतंकियों से संबंध हैं और रिहाई से जन सुरक्षा और ट्रायल प्रभावित हो सकता है

“आरोपों की गंभीरता और सबूतों को देखते हुए कोई ढील नहीं दी जा सकती,” कोर्ट ने निष्कर्ष में कहा।

मामले का शीर्षक: बिलाल अहमद कुमार बनाम केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर, 2025
उपस्थिति:

वाजिद मोहम्मद हसीब, याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता

महा मजीद, श्री मोहसिन कादरी, वरिष्ठ अतिरिक्त महाधिवक्ता की ओर से सहायक वकील

Similar Posts

न्यायमूर्ति सूर्यकांत: भारतीय न्यायपालिका राष्ट्र को एकजुट करने और लोकतांत्रिक मूल्यों को कायम रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है

न्यायमूर्ति सूर्यकांत: भारतीय न्यायपालिका राष्ट्र को एकजुट करने और लोकतांत्रिक मूल्यों को कायम रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है

11 Jun 2025 7:17 PM
सुप्रीम कोर्ट: धारा 48(ई) के तहत संपत्ति हस्तांतरण अमान्य है, स्वतः अमान्य नहीं होगा

सुप्रीम कोर्ट: धारा 48(ई) के तहत संपत्ति हस्तांतरण अमान्य है, स्वतः अमान्य नहीं होगा

7 Jun 2025 4:38 PM
SC ने ऋण निपटान के बाद गिरवी रख सोने के कथित दुरुपयोग के लिए बैंक अधिकारी के खिलाफ FIR बहाल की

SC ने ऋण निपटान के बाद गिरवी रख सोने के कथित दुरुपयोग के लिए बैंक अधिकारी के खिलाफ FIR बहाल की

10 Jun 2025 4:02 PM
मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति की "इच्छा और प्राथमिकताएं" तय करने की व्यवस्था कानून में नहीं, कोर्ट ने निभाई अभिभावक की भूमिका : इलाहाबाद हाईकोर्ट

मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति की "इच्छा और प्राथमिकताएं" तय करने की व्यवस्था कानून में नहीं, कोर्ट ने निभाई अभिभावक की भूमिका : इलाहाबाद हाईकोर्ट

8 Jun 2025 7:48 AM
दिल्ली उच्च न्यायालय ने डीडीए के खिलाफ रिलायंस की ₹459 करोड़ रिफंड याचिका को खारिज कर दिया, भूमि विवाद में पूर्ण सुनवाई की आवश्यकता का हवाला दिया

दिल्ली उच्च न्यायालय ने डीडीए के खिलाफ रिलायंस की ₹459 करोड़ रिफंड याचिका को खारिज कर दिया, भूमि विवाद में पूर्ण सुनवाई की आवश्यकता का हवाला दिया

15 Jun 2025 2:23 PM
केरल हाईकोर्ट ने फिल्म टिकट कीमतों को नियंत्रित करने की याचिका पर राज्य से जवाब मांगा

केरल हाईकोर्ट ने फिल्म टिकट कीमतों को नियंत्रित करने की याचिका पर राज्य से जवाब मांगा

12 Jun 2025 5:34 PM
सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया: धारा 387 आईपीसी के तहत वास्तविक संपत्ति की डिलीवरी की आवश्यकता नहीं है

सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया: धारा 387 आईपीसी के तहत वास्तविक संपत्ति की डिलीवरी की आवश्यकता नहीं है

12 Jun 2025 3:09 PM
उच्च न्यायालय: केवल फरार व्यक्ति का स्थान जानना, गिरफ्तारी से बचने के लिए सक्रिय सहायता के बिना उसे ‘पनाह देना’ नहीं है

उच्च न्यायालय: केवल फरार व्यक्ति का स्थान जानना, गिरफ्तारी से बचने के लिए सक्रिय सहायता के बिना उसे ‘पनाह देना’ नहीं है

11 Jun 2025 6:09 PM
ऋण समाप्ति के बाद ग्राहक के दस्तावेज़ अवैध रूप से रखने पर केरल हाईकोर्ट ने साउथ इंडियन बैंक पर ₹50,000 का जुर्माना लगाया

ऋण समाप्ति के बाद ग्राहक के दस्तावेज़ अवैध रूप से रखने पर केरल हाईकोर्ट ने साउथ इंडियन बैंक पर ₹50,000 का जुर्माना लगाया

13 Jun 2025 12:40 PM
सुप्रीम कोर्ट: आरोपी स्वेच्छा से ही कोर्ट की अनुमति से नार्को-एनालिसिस टेस्ट करवा सकता है

सुप्रीम कोर्ट: आरोपी स्वेच्छा से ही कोर्ट की अनुमति से नार्को-एनालिसिस टेस्ट करवा सकता है

10 Jun 2025 1:13 PM