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कर्नाटक हाई कोर्ट ने KPSC नियुक्ति मामले में उम्मीदवार की उत्तर पुस्तिका मांगने वाली RTI कार्यकर्ता की याचिका खारिज की

Shivam Y.

इंटक राजू एन बनाम कर्नाटक सूचना आयोग और अन्य, कर्नाटक हाई कोर्ट ने RTI एक्टिविस्ट की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें दूसरे कैंडिडेट की KPSC परीक्षा की आंसर-की मांगी गई थी। कोर्ट ने कहा कि इसमें कोई पर्सनल इंटरेस्ट नहीं है और इसे एक्सेस करने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है।

कर्नाटक हाई कोर्ट ने KPSC नियुक्ति मामले में उम्मीदवार की उत्तर पुस्तिका मांगने वाली RTI कार्यकर्ता की याचिका खारिज की

कर्नाटक हाई कोर्ट में बुधवार को हुई एक संक्षिप्त लेकिन स्पष्ट सुनवाई में, जस्टिस सुराज गोविंदराज ने एक मैसूरु आधारित RTI कार्यकर्ता द्वारा दायर वह रिट याचिका खारिज कर दी जिसमें KPSC द्वारा चयनित एक उम्मीदवार की उत्तर पुस्तिका मांगने की मांग की गई थी। अदालत ने साफ कहा कि सूचना का अधिकार कानून को इस तरह नहीं फैलाया जा सकता कि वह निजी परीक्षा अभिलेखों में “खोजबीन” जैसा अधिकार दे दे।

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पृष्ठभूमि

याचिकाकर्ता इंटक राजू एन, जो मैसूर जिले की एक RTI और मानवाधिकार संस्था के प्रमुख हैं, PIO, प्रथम अपीलीय प्राधिकरण और बाद में कर्नाटक सूचना आयोग द्वारा सूचना देने से इनकार किए जाने के बाद हाई कोर्ट पहुंचे थे।

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कार्यकर्ता ने यह कहते हुए उत्तर पुस्तिका की मांग की थी कि चयनित उम्मीदवार पहले ही नियुक्ति पा चुका है और पारदर्शिता के लिए रिकॉर्ड उपलब्ध होना चाहिए। परंतु सभी प्राधिकारियों ने लगातार इस मांग को अस्वीकार किया, जिसके बाद उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 226 और 227 के तहत रिट याचिका दायर की। याचिका दिसंबर 2024 से अप्रैल 2025 के बीच जारी किए गए कई आदेशों को रद्द करने की मांग करती थी।

अदालत के अवलोकन

दोनों पक्षों को सुनने के बाद जस्टिस गोविंदराज शुरू से ही असहमत दिखाई दिए। रिकॉर्ड की जांच करते समय उन्होंने यह भी इंगित किया कि याचिकाकर्ता स्वयं परीक्षा में शामिल ही नहीं हुआ था।

बेंच ने टिप्पणी की, “केवल स्वयं को RTI कार्यकर्ता बताने से व्यक्तिगत अधिकार पैदा नहीं हो जाता, न ही यह किसी अन्य व्यक्ति की उत्तर पुस्तिका मांगने का औचित्य देता है।”

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अदालत ने स्पष्ट किया कि RTI कानून व्यक्ति की उत्तर पुस्तिका की गोपनीयता की रक्षा करता है, जब तक कि मांग करने वाला व्यक्ति कोई सीधा हित या व्यक्तिगत आधार न दिखाए। यहाँ ऐसा कुछ भी नहीं था। अदालत के अनुसार, याचिकाकर्ता सूचना मांगने में उत्सुकता अधिक और जवाबदेही कम दिखाते थे।

निर्णय

PIO, अपीलीय प्राधिकरण और सूचना आयोग-तीनों के निर्णयों में हस्तक्षेप की कोई वजह न पाते हुए हाई कोर्ट ने याचिका को पूरी तरह खारिज कर दिया।

अपने संक्षिप्त आदेश में अदालत ने निष्कर्ष निकाला कि याचिकाकर्ता को किसी अन्य उम्मीदवार की उत्तर पुस्तिका मांगने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है, और संबंधित प्राधिकारियों ने सूचना देने से इनकार कर सही कार्यवाही की। इसके साथ ही मामला समाप्त हो गया।

Case Title: Intak Raju N vs Karnataka Information Commission & Others

Case No.: WP No. 26292 of 2025

Case Type: Writ Petition (General Miscellaneous – RTI)

Decision Date: 12 November 2025

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