Logo
Court Book - India Code App - Play Store

केरल उच्च न्यायालय ने मानवता का बचाव किया: मृत्युदंड की सजा पाए दोषी को मरती हुई मां से मिलने के लिए एस्कॉर्ट पैरोल दी

27 Jun 2025 1:49 PM - By Shivam Y.

केरल उच्च न्यायालय ने मानवता का बचाव किया: मृत्युदंड की सजा पाए दोषी को मरती हुई मां से मिलने के लिए एस्कॉर्ट पैरोल दी

केरल हाईकोर्ट ने एक फांसी की सजा पाए कैदी को उसकी 93 वर्षीय गंभीर रूप से बीमार मां से मिलने के लिए एस्कॉर्ट परोल प्रदान करते हुए मानवीय दृष्टिकोण अपनाया है। यह अनुमति केंद्रीय कारागार एवं सुधार गृह, तिरुवनंतपुरम में बंद कैदी को दी गई, जिससे वह अपनी मां के साथ कम से कम छह घंटे बिता सके, वह भी पुलिस निगरानी में।

अदालत ने टिप्पणी की:

"न्याय, यदि उसमें मानवता, करुणा और सहानुभूति का कोमल स्पर्श नहीं हो, तो वह न्याय नहीं है।"

Read In English

जस्मिन शाजी बनाम केरल राज्य एवं अन्य [WP(Crl.) No. 770 of 2025] शीर्षक वाले इस मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति पी.वी. कुन्हिकृष्णन ने की। याचिका कैदी की पत्नी द्वारा दायर की गई थी, जब जेल प्रशासन ने उनके पति की दो बार दी गई परोल की अर्जी को खारिज कर दिया था। इनकार का आधार था केरल जेल एवं सुधार सेवाएं (प्रबंधन) अधिनियम, 2010 की धारा 42 और नियम 339(2), जो फांसी की सजा पाए कैदियों को परोल या एस्कॉर्ट मुलाकात की अनुमति नहीं देते।

Read Also:- पत्नी कमाने वाली हो तब भी वह वैवाहिक जीवन के स्तर को बनाए रखने के लिए पति से भरण-पोषण की हकदार है: बॉम्बे हाईकोर्ट

हालांकि कानूनी रोक के बावजूद, कोर्ट ने यह माना कि विशेष मानवीय परिस्थितियों में ऐसे नियमों के ऊपर भी मूलभूत अधिकारों की रक्षा आवश्यक है। मेडिकल दस्तावेजों के अनुसार, कैदी की मां बहु-इन्फार्क्ट सिंड्रोम और वैस्कुलर डिमेंशिया जैसी गंभीर बीमारियों से ग्रस्त हैं और पूरी तरह बिस्तर पर हैं।

यह स्वीकार करते हुए कि आरोपी ने परिवार के सामने एक व्यक्ति की निर्मम हत्या की थी, कोर्ट ने कहा कि मृत्युदंड पाए व्यक्ति की भी गरिमा और मानवाधिकारों की रक्षा जरूरी है।

“एक अदालत, उस कैदी की तरह अमानवीय दृष्टिकोण नहीं अपना सकती जिसने पीड़ित के परिजनों को अनाथ कर दिया। भारत एक ऐसा देश नहीं है जो ‘आंख के बदले आंख, दांत के बदले दांत’ वाली प्रतिशोधात्मक सजा प्रणाली अपनाता हो। हमारा देश न्याय देते समय मानवता, करुणा और सहानुभूति के लिए जाना जाता है।”

Read Also:- दिल्ली हाईकोर्ट: आर्म्स एक्ट के तहत अभियोजन स्वीकृति के बिना दायर चार्जशीट अधूरी नहीं, धारा 187(3) बीएनएसएस के तहत डिफॉल्ट बेल का अधिकार नहीं

संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत अपने विशेषाधिकारों का प्रयोग करते हुए, हाईकोर्ट ने जेल प्रशासन के फैसले को रद्द करते हुए कैदी को अपनी मां से मिलने की अनुमति दी। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि पिछला परोल इनकार (जैसे विवाह में शामिल होने के लिए) उचित था, लेकिन यह मामला असाधारण मानवीय आधार प्रस्तुत करता है।

“जब एक फांसी की सजा पाया कैदी अदालत के सामने यह अनुरोध करता है कि वह अपनी जीवन-मृत्यु की स्थिति में पहुंच चुकी मां से मिलना चाहता है, तो यह अदालत आंखें मूंद नहीं सकती, भले ही उसने मृतक और उसके परिजनों के प्रति अमानवीय कृत्य किया हो।”

कोर्ट ने जेल और पुलिस अधिकारियों को आदेश दिया कि इस निर्णय की प्रमाणित प्रति प्राप्त होने के तीन दिनों के भीतर आवश्यक व्यवस्था कर कैदी को एस्कॉर्ट परोल पर उसकी मां से मिलवाया जाए। मुलाकात के दौरान पूरी निगरानी पुलिस द्वारा की जाएगी।

केस नंबर: WP(Crl.) 770 of 2025

केस का शीर्षक: जैस्मीन शाजी बनाम केरल राज्य और अन्य

याचिकाकर्ता: जस्मिन शाजी

प्रत्यर्थी: केरल राज्य एवं अन्य

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता: के. एस. मधुसूदनन, एम. एम. विनोद कुमार, पी. के. राकेश कुमार, के. एस. मिज़वर, एम. जे. किरण कुमार, शैक रसल एम.

Similar Posts

केरल हाईकोर्ट: राज्य पात्रता परीक्षा में IGNOU डिग्री के लिए समकक्षता प्रमाणपत्र की आवश्यकता नहीं

केरल हाईकोर्ट: राज्य पात्रता परीक्षा में IGNOU डिग्री के लिए समकक्षता प्रमाणपत्र की आवश्यकता नहीं

22 Jun 2025 12:27 PM
सुरेश गोपी की फिल्म के निर्माता ने सेंसर सर्टिफिकेट में देरी को लेकर केरल हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया

सुरेश गोपी की फिल्म के निर्माता ने सेंसर सर्टिफिकेट में देरी को लेकर केरल हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया

26 Jun 2025 12:34 PM
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पूर्व एडीजे मेहर सिंह रत्तू की अनिवार्य सेवानिवृत्ति को सही ठहराया, प्रतिकूल एसीआर का दिया हवाला

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पूर्व एडीजे मेहर सिंह रत्तू की अनिवार्य सेवानिवृत्ति को सही ठहराया, प्रतिकूल एसीआर का दिया हवाला

20 Jun 2025 9:19 PM
दिल्ली हाईकोर्ट ने कानूनी कार्यवाही के बीच राजपाल यादव को फिल्म प्रमोशन के लिए ऑस्ट्रेलिया जाने की अनुमति दी

दिल्ली हाईकोर्ट ने कानूनी कार्यवाही के बीच राजपाल यादव को फिल्म प्रमोशन के लिए ऑस्ट्रेलिया जाने की अनुमति दी

24 Jun 2025 4:34 PM
ग्रीन पार्क जलभराव से निपटने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट ने एम्स परिसर में नई सीवर लाइन बिछाने का आदेश दिया

ग्रीन पार्क जलभराव से निपटने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट ने एम्स परिसर में नई सीवर लाइन बिछाने का आदेश दिया

25 Jun 2025 1:19 PM
सुप्रीम कोर्ट ने जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के इंटरव्यू पर उठाए सवाल, पंजाब के पूर्व DSP ने ली याचिका वापस

सुप्रीम कोर्ट ने जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के इंटरव्यू पर उठाए सवाल, पंजाब के पूर्व DSP ने ली याचिका वापस

25 Jun 2025 10:35 AM
दिल्ली हाईकोर्ट: आर्म्स एक्ट के तहत अभियोजन स्वीकृति के बिना दायर चार्जशीट अधूरी नहीं, धारा 187(3) बीएनएसएस के तहत डिफॉल्ट बेल का अधिकार नहीं

दिल्ली हाईकोर्ट: आर्म्स एक्ट के तहत अभियोजन स्वीकृति के बिना दायर चार्जशीट अधूरी नहीं, धारा 187(3) बीएनएसएस के तहत डिफॉल्ट बेल का अधिकार नहीं

27 Jun 2025 11:40 AM
₹704 करोड़ के GST घोटाले में आरोपी अंकित बंसल की जमानत याचिका राजस्थान हाईकोर्ट ने खारिज की

₹704 करोड़ के GST घोटाले में आरोपी अंकित बंसल की जमानत याचिका राजस्थान हाईकोर्ट ने खारिज की

20 Jun 2025 1:51 PM
अल्लाहाबाद हाईकोर्ट ने पुलिसकर्मी को साधारण पोशाक में पेश होने पर फटकार लगाई, घूसखोरी के आरोपी दरोगा को दी जमानत

अल्लाहाबाद हाईकोर्ट ने पुलिसकर्मी को साधारण पोशाक में पेश होने पर फटकार लगाई, घूसखोरी के आरोपी दरोगा को दी जमानत

23 Jun 2025 2:41 PM
केरल हाईकोर्ट का निर्णय: एक ही लेनदार की कार्रवाई के खिलाफ अलग-अलग पट्टों पर किरायेदार संयुक्त आवेदन दे सकते हैं

केरल हाईकोर्ट का निर्णय: एक ही लेनदार की कार्रवाई के खिलाफ अलग-अलग पट्टों पर किरायेदार संयुक्त आवेदन दे सकते हैं

21 Jun 2025 5:54 PM