मद्रास हाई कोर्ट ने तिरुप्पुर जिले की एक दुखद दहेज मृत्यु मामले में आरोपित तीन परिजनों को जमानत दे दी है। न्यायमूर्ति डॉ. जी. जयचन्द्रन ने याचिकाओं की सुनवाई करते हुए मृतका के पति, ससुर और सास की रिहाई का आदेश दिया, जिन्होंने विवाह के दो माह के भीतर अपनी जान दे दी थी।
मामले की पृष्ठभूमि
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, नवविवाहिता ने आत्महत्या से पूर्व अपने पिता को एक वॉइस मैसेज भेजा था, जिसमें पति और ससुराल पक्ष का नाम लिया गया था। यह मामला भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 के उन प्रावधानों के तहत दर्ज किया गया, जो उत्पीड़न और आत्महत्या के लिए उकसावे से संबंधित हैं। आरोपी जून और जुलाई के अंत से न्यायिक हिरासत में थे।
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हस्तक्षेप याचिका में जांच की दिशा और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट पर संदेह जताया गया था। हालांकि, न्यायाधीश ने उल्लेख किया कि मृतका द्वारा छोड़ा गया वॉइस मैसेज, जिसे आत्महत्या नोट माना जा रहा है, उसकी सत्यता की जांच के लिए फॉरेंसिक लैब भेजा गया है।
रिकॉर्डिंग का ट्रांसक्रिप्ट देखने के बाद, अदालत ने कहा कि मृतका मानसिक प्रताड़ना झेल रही थी। साथ ही, न्यायमूर्ति जयचन्द्रन ने यह भी कहा कि जब पुलिस ने प्रमुख गवाहों सहित राजस्व विभागीय अधिकारी (आरडीओ) के बयान दर्ज कर लिए हैं, तब आरोपियों की जेल में निरंतर कैद आवश्यक नहीं है।
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अदालत ने कहा, "इस चरण में आरोपियों को जेल में रखना आवश्यक नहीं है।"
जमानत की शर्तें और प्रभाव
आरोपियों को एक-एक लाख रुपये के मुचलके पर दो जमानतदारों के साथ रिहा करने का आदेश दिया गया। उन्हें प्रतिदिन अविनाशी न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष हाजिर होना होगा, पासपोर्ट जमा करना होगा और गवाहों को प्रभावित नहीं करना होगा। अदालत ने यह भी चेतावनी दी कि शर्तों के उल्लंघन पर नई प्राथमिकी दर्ज की जा सकती है।
केस का शीर्षक: के. ई. कविन कुमार एवं अन्य बनाम राज्य
केस संख्या: Crl. O.P. No. 20949/2025