उच्च न्यायालय ने कोर्ट ऑन इट्स ओन मोशन बनाम स्टेट ऑफ पंजाब एंड अदर्स शीर्षक वाली जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान पंजाब में जेलों की सुरक्षा से जुड़ी ताज़ा प्रगति की समीक्षा की। यह सुनवाई न्यायमूर्ति अनुपिंदर सिंह ग्रेवाल और न्यायमूर्ति दीपक मंछंदा ने 18 अगस्त 2025 को की।
सुनवाई के दौरान, पंजाब के मुख्य सचिव के.ए.पी. सिन्हा ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत को बताया कि राज्यभर की जेलों की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि सभी जेलों में अब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा उपलब्ध है और जेल कर्मचारियों के कई रिक्त पद भर दिए गए हैं, जबकि शेष पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया जारी है।
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पंजाब सरकार के जेल विभाग के प्रधान सचिव ने शपथपत्र के माध्यम से एक विस्तृत स्थिति रिपोर्ट दाखिल की, जिसे अदालत ने रिकॉर्ड पर ले लिया। इस शपथपत्र की प्रति अमिकस क्यूरी अधिवक्ता तनु बेदी को उपलब्ध कराई गई, जिन्होंने दस्तावेज़ की जांच करने के लिए समय मांगा।
इसके अतिरिक्त, सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी और विशेष जांच दल (एसआईटी) के प्रमुख प्रभोध कुमार ने अपना शपथपत्र दाखिल किया और सीलबंद स्थिति रिपोर्ट (अनुलग्नक आर-1) भी सौंपी। अदालत ने इसे रिकॉर्ड पर लिया और निर्देश दिया कि इसकी प्रति अमिकस क्यूरी और पंजाब के वरिष्ठ उप महाधिवक्ता अफताब सिंह खहरा को उपलब्ध कराई जाए।
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राज्य पक्ष ने अदालत को यह भी आश्वासन दिया कि पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) का शपथपत्र अगली सुनवाई पर दाखिल किया जाएगा। इस मामले को अब 28 अगस्त 2025 के लिए सूचीबद्ध किया गया है।
"जेल सुरक्षा को बढ़ाने में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है और आगे के कदम प्रक्रिया में हैं," पंजाब के मुख्य सचिव के.ए.पी. सिन्हा ने अदालत में प्रस्तुत किया।
केस का शीर्षक: कोर्ट ऑन इट्स ओन मोशन बनाम पंजाब राज्य और अन्य
केस नंबर: CWP-PIL-93-2023 (O&M) और अन्य जुड़े मामले