Logo
Court Book - India Code App - Play Store

राजस्थान हाईकोर्ट ने 'प्रतीक्षारत पदस्थापन आदेश' पर स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए | सेवा नियमों के तहत कारण बताना अनिवार्य

5 May 2025 11:40 AM - By Vivek G.

राजस्थान हाईकोर्ट ने 'प्रतीक्षारत पदस्थापन आदेश' पर स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए | सेवा नियमों के तहत कारण बताना अनिवार्य

राजस्थान हाईकोर्ट ने राजस्थान सेवा नियम, 1951 के तहत 'प्रतीक्षारत पदस्थापन आदेश' (Awaiting Posting Orders - APO) जारी करने को लेकर विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। न्यायमूर्ति अरुण मोंगा ने कई सरकारी कर्मचारियों द्वारा दायर याचिकाओं का निपटारा करते हुए कहा कि बिना कारण बताए किसी भी कर्मचारी को APO पर रखना प्रशासनिक न्याय के खिलाफ है।

अदालत ने स्पष्ट किया कि APO आदेश जारी करने का कारण कर्मचारियों को स्पष्ट रूप से बताया जाना चाहिए, और इस आदेश का उपयोग मनमाने तरीके से या गुप्त रूप से अनुशासनात्मक कार्रवाई के रूप में नहीं किया जा सकता।

Read also: सुप्रीम कोर्ट: पहले ही भारतीय घोषित व्यक्ति के खिलाफ दूसरी विदेशी न्यायाधिकरण प्रक्रिया कानून की प्रक्रिया

1. APO का उद्देश्य और औचित्य:

  • APO केवल प्रशासनिक आवश्यकता या जनहित में जारी किया जाना चाहिए।
  • इसका उपयोग किसी भी दंडात्मक उद्देश्य के लिए नहीं किया जा सकता।
  • "किसी कर्मचारी को APO पर रखने का कारण लिखित रूप में स्पष्ट रूप से दर्ज किया जाना चाहिए।"

2. APO जारी करने की शर्तें:

  • APO सामान्यतः राजस्थान सेवा नियम, 1951 के नियम 25-A के तहत जारी किए जाने चाहिए।
  • यद्यपि नियम 25-A में परिस्थितियां केवल उदाहरण स्वरूप दी गई हैं, अन्य कोई भी कारण समान प्रशासनिक आवश्यकता के अनुरूप ही होना चाहिए।

3. सीमाएं और प्रतिबंध:

  • APO का उपयोग राजस्थान सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण और अपील) नियम, 1958 के नियम 13 के तहत निलंबन की प्रक्रिया से बचने के लिए नहीं किया जा सकता।
  • अदालत ने स्पष्ट किया:
    "APO आदेश 30 दिनों से अधिक नहीं होने चाहिए, जब तक कि वित्त विभाग द्वारा वैध कारण के साथ उसकी मंजूरी न दी गई हो।"
  • बिना स्पष्ट कारण लंबे समय तक APO पर रखना शक्ति का दुरुपयोग माना जाएगा।

Read also: सुप्रीम कोर्ट: पुनः मध्यस्थता और देरी से बचाने के लिए अदालतें पंचाट निर्णयों में संशोधन कर सकती हैं

4. प्रशासनिक उत्तरदायित्व:

  • APO का कारण संबंधित कर्मचारी को सूचित किया जाना चाहिए।
  • समय पर आगामी पदस्थापन आदेश जारी करना आवश्यक है, जिससे सरकार पर अनावश्यक आर्थिक भार न पड़े।
  • अदालत ने कहा:
    "यदि APO आदेश वास्तव में निलंबन का विकल्प बन जाए या अनुशासनात्मक कार्रवाई को टालने का साधन बन जाए, तो ऐसे आदेशों से बचा जाना चाहिए।"

मामले की पृष्ठभूमि:

याचिकाकर्ता, जो अधिकतर सरकारी सेवक थे, ने अदालत का रुख किया क्योंकि उन्हें बिना किसी कारण के अचानक APO पर रख दिया गया, जबकि उनकी सेवा रिकॉर्ड सराहनीय थी। उनका कहना था कि ये आदेश राजनीतिक हस्तक्षेप या दुर्भावना से प्रेरित होकर जल्दबाज़ी में पास किए गए, और इनका कोई औचित्य नहीं था।

राज्य सरकार ने APO को उचित ठहराते हुए कहा कि नियम 25-A के तहत जनहित में ये आदेश दिए गए। लेकिन अदालत ने पाया कि बिना कारण बताए APO आदेश देना स्वीकार्य नहीं है।

Read also: दिल्ली हाई कोर्ट ने 'Davidoff' ट्रेडमार्क बहाल किया, IPAB का आदेश खारिज

न्यायमूर्ति मोंगा ने यह जांच की कि क्या APO का दुरुपयोग निलंबन या स्थानांतरण से बचने के लिए किया जा रहा है:

"क्या नियम 25-A का उपयोग करके किसी अधिकारी को APO पर रखकर उसे निलंबन से बचाया जा सकता है?"
"क्या APO पर रखना स्थानांतरण आदेश से बचने या नियम 13 की प्रक्रिया से बचने का तरीका बनता जा रहा है?"

इन प्रश्नों के उत्तर में अदालत ने स्पष्ट किया कि APO का उपयोग किसी कानूनी प्रक्रिया को टालने के लिए नहीं किया जा सकता

चूंकि प्रस्तुत मामलों में किसी भी APO आदेश में स्पष्ट कारण नहीं दिया गया था, अदालत ने सभी आदेश रद्द कर दिए। जिन आदेशों में "लंबित विभागीय कार्रवाई", "कर्तव्य में लापरवाही", या शिकायत की बात कही गई थी, उन्हें भी स्थानांतरण या अनुशासनात्मक कार्रवाई जैसा माना गया और उन्हें भी खारिज कर दिया गया।

"याचिकाओं का निपटारा किया जाता है और सभी विभागाध्यक्षों/प्रशासनिक सचिवों तथा अन्य सक्षम अधिकारियों को इन दिशा-निर्देशों के प्रति संवेदनशील बनाने के लिए आवश्यक प्रशासनिक निर्देश जारी किए जाएं," अदालत ने निर्देश दिया।

तदनुसार, याचिकाओं का निपटारा कर दिया गया।

शीर्षक: गणराज बिश्नोई बनाम राजस्थान राज्य एवं अन्य।

Similar Posts

दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को 21 वर्षों तक निजी संपत्ति पर अवैध कब्जे के लिए ₹1.76 करोड़ चुकाने का आदेश दिया, संपत्ति के अधिकार को बताया संविधानिक सुरक्षा

दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को 21 वर्षों तक निजी संपत्ति पर अवैध कब्जे के लिए ₹1.76 करोड़ चुकाने का आदेश दिया, संपत्ति के अधिकार को बताया संविधानिक सुरक्षा

6 May 2025 1:24 PM
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट: जब्त ड्रग्स और एफएसएल रिपोर्ट में मामूली रंग के अंतर के आधार पर नहीं मिल सकती जमानत

पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट: जब्त ड्रग्स और एफएसएल रिपोर्ट में मामूली रंग के अंतर के आधार पर नहीं मिल सकती जमानत

3 May 2025 10:43 AM
केरल हाईकोर्ट: JCB खुदाई मशीन है, वाहन नहीं – रिहाई के लिए पंजीकरण प्रमाणपत्र की आवश्यकता नहीं

केरल हाईकोर्ट: JCB खुदाई मशीन है, वाहन नहीं – रिहाई के लिए पंजीकरण प्रमाणपत्र की आवश्यकता नहीं

2 May 2025 12:03 PM
लंबे समय तक सहवास का अर्थ है विवाह के बिना लिव-इन संबंध जारी रखने की सहमति: सुप्रीम कोर्ट

लंबे समय तक सहवास का अर्थ है विवाह के बिना लिव-इन संबंध जारी रखने की सहमति: सुप्रीम कोर्ट

7 May 2025 6:01 PM
सुप्रीम कोर्ट ने अस्पष्ट सवालों को लेकर यूपीएसएसएससी को लेखपाल परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं का पुनर्मूल्यांकन करने का आदेश दिया

सुप्रीम कोर्ट ने अस्पष्ट सवालों को लेकर यूपीएसएसएससी को लेखपाल परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं का पुनर्मूल्यांकन करने का आदेश दिया

3 May 2025 1:43 PM
सुप्रीम कोर्ट की स्पष्ट टिप्पणी: केवल विक्रय विलेख में धोखाधड़ी से सीमा अवधि नहीं बढ़ेगी – धारा 17 सीमितता अधिनियम

सुप्रीम कोर्ट की स्पष्ट टिप्पणी: केवल विक्रय विलेख में धोखाधड़ी से सीमा अवधि नहीं बढ़ेगी – धारा 17 सीमितता अधिनियम

6 May 2025 10:56 AM
सरकारी पद के विज्ञापन कानून के खिलाफ नहीं हो सकते: पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने असिस्टेंट लाइनमैन पद से वंचित दिव्यांग उम्मीदवारों के लिए पुनर्विचार का आदेश दिया

सरकारी पद के विज्ञापन कानून के खिलाफ नहीं हो सकते: पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने असिस्टेंट लाइनमैन पद से वंचित दिव्यांग उम्मीदवारों के लिए पुनर्विचार का आदेश दिया

3 May 2025 11:39 AM
दिल्ली हाईकोर्ट ने ट्रैविस हेड वाले Uber Moto विज्ञापन के खिलाफ RCB की याचिका खारिज की

दिल्ली हाईकोर्ट ने ट्रैविस हेड वाले Uber Moto विज्ञापन के खिलाफ RCB की याचिका खारिज की

5 May 2025 4:29 PM
दिल्ली हाईकोर्ट ने TV टुडे को डीपफेक विनियमन पर केंद्र की समिति को सुझाव देने का निर्देश दिया

दिल्ली हाईकोर्ट ने TV टुडे को डीपफेक विनियमन पर केंद्र की समिति को सुझाव देने का निर्देश दिया

7 May 2025 2:47 PM
पीएमएलए मामलों में आरोपी को ईडी द्वारा अविश्वसनीय दस्तावेजों की सूची प्राप्त करने का अधिकार: सुप्रीम कोर्ट

पीएमएलए मामलों में आरोपी को ईडी द्वारा अविश्वसनीय दस्तावेजों की सूची प्राप्त करने का अधिकार: सुप्रीम कोर्ट

7 May 2025 3:42 PM