सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका (PIL) दायर की गई है, जिसमें अदालत से अनुरोध किया गया है कि वह ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ नाम के ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन पर रोक लगाए। यह नाम हाल ही में पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों के खिलाफ भारत द्वारा चलाए गए सैन्य अभियान से जुड़ा है।
यह याचिका देव आशीष दुबे नामक याचिकाकर्ता ने दाखिल की है। इसमें उन व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है, जिन्होंने क्लास 41 के तहत ट्रेडमार्क एक्ट में "ऑपरेशन सिन्दूर" नाम से ट्रेडमार्क पंजीकरण के लिए आवेदन दिया है। यह श्रेणी शिक्षा और मनोरंजन सेवाओं को कवर करती है।
याचिका में जिन चार लोगों के नाम हैं, वे हैं:
(1) मुकेश चेतराम अग्रवाल (मुंबई),
(2) ग्रुप कैप्टन कमल सिंह ओबरेह (सेवानिवृत्त) (जम्मू-कश्मीर),
(3) आलोक कोठारी (दिल्ली),
(4) जयराज टी (केरल), और
(5) उत्तम (गुजरात)।
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इनके आवेदन नई दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और अहमदाबाद में स्थित ट्रेडमार्क रजिस्ट्री में दाखिल किए गए थे।
“ऑपरेशन सिन्दूर केवल देशवासियों की भावनाओं का विषय नहीं है, बल्कि उन वीरों की कुर्बानी से भी जुड़ा है जिन्होंने देश के लिए जान दी है। 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम आतंकी हमले में निर्दोष नागरिकों की हत्या से देशभर में आक्रोश है,” याचिका में कहा गया है।
याचिकाकर्ता का कहना है कि देश के दुख और बलिदान से जुड़ी इस भावनात्मक घटना का व्यावसायिक इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। यह जनता की भावना के साथ व्यापारिक लाभ उठाने का प्रयास है।
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“उत्तरदाता केवल जनभावनाओं का फायदा उठाकर अपने व्यावसायिक लाभ के लिए इस नाम का दुरुपयोग करना चाहते हैं, जो स्वीकार्य नहीं है,” याचिका में कहा गया है।
याचिका में ट्रेडमार्क एक्ट, 1999 की धारा 9 का हवाला देते हुए कहा गया है कि ऐसा ट्रेडमार्क जिससे जनभावनाएं आहत हों या जो राष्ट्रीय हित के विरुद्ध हो, उसका रजिस्ट्रेशन नहीं किया जा सकता।
“यह कहने की आवश्यकता नहीं कि 'ऑपरेशन सिन्दूर' नाम का पंजीकरण ट्रेडमार्क एक्ट की धारा 9 के तहत स्वीकार्य नहीं है,” याचिका में जोर दिया गया है।
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गौरतलब है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज (मालिक: मुकेश अंबानी) ने भी 7 मई को ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ नाम से वर्क मार्क के रूप में ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन किया था। हालांकि, जब इस पर जनता में नाराज़गी फैली, तो कंपनी ने तुरंत यह आवेदन वापस ले लिया और एक आधिकारिक बयान में बताया कि यह आवेदन कंपनी की मंजूरी के बिना एक जूनियर कर्मचारी द्वारा गलती से किया गया था।
याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से दो मुख्य मांगें की हैं:
- ट्रेडमार्क रजिस्ट्री को निर्देश दिया जाए कि वह "ऑपरेशन सिन्दूर" नाम से दायर सभी ट्रेडमार्क आवेदनों को अस्वीकार कर दे।
- पहले से दायर सभी ट्रेडमार्क आवेदनों को हटा दिया जाए।
“यह सिर्फ एक नाम नहीं है—यह देश का गौरव, बलिदान और उस सामूहिक शोक को दर्शाता है जो पूरी राष्ट्र की भावना में समाया हुआ है,” याचिकाकर्ता ने कहा।
यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट में देव आशीष दुबे बनाम यूनियन ऑफ इंडिया और ओआरएस में है। शीर्षक से दर्ज करें|