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सुप्रीम कोर्ट ने आरिफ मर्चेंट की अग्रिम जमानत बढ़ाई, मुंबई धोखाधड़ी मामले में तेज़ ट्रायल का निर्देश

Vivek G.

सुप्रीम कोर्ट ने आरिफ मर्चेंट की अग्रिम जमानत बरकरार रखते हुए मुंबई धोखाधड़ी मामले में तेज़ ट्रायल और पूर्ण सहयोग का निर्देश दिया।

सुप्रीम कोर्ट ने आरिफ मर्चेंट की अग्रिम जमानत बढ़ाई, मुंबई धोखाधड़ी मामले में तेज़ ट्रायल का निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को मुंबई के एक धोखाधड़ी मामले में आरोपी कारोबारी आरिफ मर्चेंट और दूसरे अभियुक्त को दी गई अंतरिम अग्रिम जमानत को जारी रखा, साथ ही ट्रायल को तेजी से आगे बढ़ाने का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति नोंगमेईकापम कोटिश्वर सिंह की पीठ ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद यह आदेश दिया। यह मामला 2023 में मुंबई के फाइडोनी पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर से संबंधित है, जिसमें शिकायतकर्ता ने वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाया था।

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Background

मामला तब शुरू हुआ जब शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि वित्तीय गड़बड़ी और विश्वास भंग किया गया। बॉम्बे हाईकोर्ट ने अप्रैल 2025 में आरोपी को अंतरिम अग्रिम जमानत दी थी। बाद में शिकायतकर्ता ने इस आदेश की कुछ शर्तों को चुनौती दी, जिसके चलते यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा। इस बीच, पुलिस ने जांच पूरी कर ली है और रिपोर्ट दाखिल कर दी है। ट्रायल कोर्ट अब औपचारिक आरोप तय करने की तैयारी में है।

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Court’s Observations

पीठ ने नोट किया कि अभियोजन पक्ष की ओर से यह शिकायत नहीं की गई कि आरोपियों ने जमानत का दुरुपयोग किया या जांच में सहयोग नहीं किया। “यह विवादित नहीं है कि याचिकाकर्ताओं ने जांच में सहयोग किया है और दी गई स्वतंत्रता का दुरुपयोग नहीं किया,” आदेश में कहा गया।

न्यायाधीशों ने यह भी टिप्पणी की कि चूंकि मामला आरोप तय करने के चरण में पहुंच चुका है, इसलिए ट्रायल को लंबा खींचने का कोई औचित्य नहीं है।

शिकायतकर्ता की ओर से पेश अधिवक्ता ने तर्क दिया कि आरोपियों को अब और सुरक्षा नहीं दी जानी चाहिए। हालांकि, कोर्ट को अंतरिम जमानत वापस लेने का पर्याप्त आधार नहीं मिला। पीठ ने कहा, “अग्रिम जमानत आदेश काफी समय से प्रभावी है। इस चरण में इसे बदलने का कोई कारण हमें नहीं दिखता।”

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Decision

सुप्रीम कोर्ट ने याचिका का निपटारा करते हुए जमानत रद्द नहीं की। कोर्ट ने अंतरिम अग्रिम जमानत जारी रखने, ट्रायल को तेजी से आगे बढ़ाने और आरोपियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि वे पूरी तरह सहयोग करें और अनावश्यक तारीखें न लें। साथ ही यह स्पष्ट किया गया कि यदि आरोपी सहयोग नहीं करते हैं या कोई नई परिस्थिति सामने आती है, तो अभियोजन पक्ष जमानत आदेश में बदलाव के लिए आवेदन कर सकता है।

इस स्तर पर कोर्ट के निर्देशों के साथ मामला समाप्त हुआ।

Case Title: Arif Merchant & Anr. vs. State of Maharashtra & Anr.

Case Type: Special Leave Petition (Criminal)

Court: Supreme Court of India

Bench: Justice Sanjay Karol and Justice Nongmeikapam Kotiswar Singh

SLP No.: SLP (Crl.) No. 6318 of 2025

Related Case: Criminal Application No. 46/2024 (Bombay High Court)

FIR: No. 174/2023, Phydhonie Police Station, Mumbai

Order Date (SC): 06 November 2025

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