शांत लेकिन अहम कदम उठाते हुए, भारत के सुप्रीम कोर्ट ने ‘वर्डिक्ट फाइंडर’ नामक नया डिजिटल टूल लॉन्च किया है। यह पोर्टल, इलास्टिक सर्च तकनीक पर आधारित है, जिसके जरिए नागरिक, वकील और शोधकर्ता सुप्रीम कोर्ट के किसी भी फैसले या आदेश-चाहे प्रकाशित (reportable) हो या अप्रकाशित (non-reportable)-कुछ ही सेकंड में खोज सकेंगे।
26 सितंबर 2025 की आधिकारिक सर्कुलर में इसकी घोषणा की गई। पहल का मकसद उस प्रक्रिया को आसान बनाना है जिसे कई वकील “पुराने रिकॉर्ड ढूंढने की थकाऊ मशक्कत” कहते थे। अब, भारी-भरकम फाइलों या महंगे थर्ड-पार्टी डेटाबेस पर निर्भर होने की बजाय, लोग सीधे सुप्रीम कोर्ट की आधिकारिक वेबसाइट के ई-सर्विसेज टैब से फैसले देख सकेंगे।
अदालत ने कहा है कि यह प्लेटफॉर्म सुविधा और पारदर्शिता को ध्यान में रखकर बनाया गया है। वर्डिक्ट फाइंडर के लिंक अब वेबसाइट के होमपेज और “एक्सप्लोर एंड कनेक्ट” सेक्शन में लाइव हैं। यह सेवा खास तौर पर युवा अधिवक्ताओं के लिए उपयोगी बताई जा रही है, जिन्हें अक्सर सब्सक्रिप्शन वाले डेटाबेस तक पहुंचने में कठिनाई होती है।
इस आदेश के साथ रजिस्ट्री ने पुष्टि की कि मुख्य न्यायाधीश और सभी न्यायाधीशों को इसकी जानकारी दी गई है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन और एडवोकेट्स-ऑन-रिकॉर्ड एसोसिएशन से भी आग्रह किया गया है कि वे इसे अपने सदस्यों तक व्यापक रूप से पहुंचाएँ।