इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक अहम आदेश में सोशल मीडिया पर कथित तौर पर देश की छवि खराब करने वाले वीडियो को साझा करने के मामले में आरोपी शाहरुख़ ख़ान को जमानत दे दी है। यह आदेश माननीय न्यायमूर्ति कृष्ण पहल ने दिनांक 4 अगस्त 2025 को पारित किया।
यह जमानत याचिका क्रिमिनल मिस. जमानत आवेदन संख्या 19917/2025 थी, जो थाना सासनी, जनपद हाथरस में दर्ज प्रकरण संख्या 194/2025 से संबंधित थी। आरोपी पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 152 और 197 के तहत आरोप लगाए गए थे।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता की ओर से प्रस्तुत किया गया कि शाहरुख़ ख़ान को इस मामले में झूठा फंसाया गया है और उसका इस कथित अपराध से कोई लेना-देना नहीं है।
"याचिकाकर्ता पूर्णतः निर्दोष है और उसे झूठा फंसाया गया है। उसने कोई अपराध नहीं किया है, जैसा कि प्राथमिकी में उल्लेख किया गया है," अधिवक्ता ने दलील दी।
अधिवक्ता ने यह भी बताया कि प्राथमिकी में शाहरुख़ ख़ान का नाम नहीं है, बल्कि आशरफ ख़ान @ निसरत नामक व्यक्ति द्वारा यह आपत्तिजनक वीडियो पोस्ट किया गया था। शाहरुख़ ख़ान पर केवल वीडियो को साझा करने का आरोप है। उन्होंने यह भी कहा कि संभव है कि उनका सोशल मीडिया अकाउंट किसी और ने दुरुपयोग किया हो। याचिकाकर्ता का उस वीडियो से कोई संबंध नहीं है, और संभव है कि उसका सोशल मीडिया खाता किसी अन्य ने उपयोग किया हो, अधिवक्ता ने कहा।
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इसके अतिरिक्त, यह भी प्रस्तुत किया गया कि याचिकाकर्ता 16 मई 2025 से जेल में है और उसका केवल एक आपराधिक मामला पहले से दर्ज है, जिसकी स्थिति स्पष्ट की गई है। साथ ही याचिकाकर्ता ट्रायल में पूरा सहयोग करने को तैयार है।
राज्य पक्ष की ओर से अपर सरकारी अधिवक्ता (AGA) ने जमानत याचिका का विरोध किया, लेकिन याचिकाकर्ता की ओर से प्रस्तुत मुख्य तथ्यों को नकार नहीं सके।
माननीय न्यायालय ने सुप्रीम कोर्ट के प्रभाकर तिवारी बनाम राज्य उत्तर प्रदेश (2020) 11 SCC 648 के निर्णय का हवाला देते हुए कहा कि—
मामले की परिस्थितियों, पक्षकारों की दलीलों और बिना मेरिट पर कोई राय व्यक्त किए, मैं इसे जमानत का उपयुक्त मामला मानता हूं।
इस प्रकार, न्यायालय ने शाहरुख़ ख़ान को व्यक्तिगत मुचलका और समान राशि के दो जमानती प्रस्तुत करने पर जमानत देने का आदेश पारित किया।
अदालत ने कुछ शर्तें भी तय कीं:
i) आरोपी ट्रायल के दौरान किसी साक्ष्य से छेड़छाड़ नहीं करेगा।
ii) वह अभियोजन पक्ष के गवाहों को डराएगा या दबाव नहीं डालेगा।
iii) वह ट्रायल कोर्ट के समक्ष नियत तिथि पर उपस्थित होगा।
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यदि उपरोक्त शर्तों का उल्लंघन होता है, तो यह ज़मानत निरस्त करने का आधार होगा।
यह आदेश डिजिटल रूप से सुमित श्रीवास्तव द्वारा हस्ताक्षरित है और इलाहाबाद उच्च न्यायालय की वेबसाइट पर उपलब्ध है।
मामले का शीर्षक:
शाहरुख़ ख़ान बनाम राज्य उत्तर प्रदेश
मामला संख्या:
क्रिमिनल मिस. जमानत आवेदन संख्या – 19917 / 2025