Logo
Court Book - India Code App - Play Store

advertisement

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम हमले के बाद निर्वासित महिला को वापस लाने के आदेश पर अदालत ने रोक लगाई

Shivam Y.

जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने उस एकल-पीठ के आदेश पर रोक लगाई, जिसमें पहलगाम हमले के बाद निर्वासित पाकिस्तानी मूल की महिला को भारत वापस लाने के लिए कहा गया था। मामला मानवाधिकार और वीज़ा वैधता से जुड़ा।

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम हमले के बाद निर्वासित महिला को वापस लाने के आदेश पर अदालत ने रोक लगाई

एक अहम घटनाक्रम में, जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने उस एकल पीठ के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी है, जिसमें पहलगाम आतंकी हमले के बाद निर्वासित की गई 63 वर्षीय पाकिस्तानी मूल की महिला को भारत वापस लाने के लिए कहा गया था।

Read in English

यह मामला संघ बनाम रक्षंदा राशिद त. फलक जहूर, 2025 शीर्षक से दर्ज है, जिसे केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर ने उच्च न्यायालय की डिवीजन बेंच में चुनौती दी थी। याचिका में 6 जून को जस्टिस राहुल भारती द्वारा पारित आदेश को चुनौती दी गई थी।

मुख्य न्यायाधीश अरुण पाली की अध्यक्षता वाली डिवीजन बेंच ने लेटर्स पेटेंट अपील (LPA) को सुनवाई के लिए स्वीकार करते हुए, एकल-पीठ के प्रत्यावर्तन आदेश के क्रियान्वयन पर अंतरिम रोक लगा दी है।

Read also:- सुप्रीम कोर्ट ने विस्मया दहेज हत्या मामले में किरण कुमार की सजा क्यों निलंबित की? 

"मानव अधिकार एक मानव जीवन का सबसे पवित्र तत्व हैं... ऐसे अवसर आते हैं जब एक संवैधानिक न्यायालय को एसओएस जैसी उदारता दिखानी पड़ती है..."
जस्टिस राहुल भारती

मामले की पृष्ठभूमि

6 जून को पारित अपने आदेश में, जस्टिस राहुल भारती ने इस मामले की असाधारण परिस्थितियों को ध्यान में रखा। उन्होंने कहा कि सुश्री रक्षंदा राशिद पिछले 38 वर्षों से भारत में रह रही थीं, उन्होंने एक भारतीय नागरिक से विवाह किया था, और वह दीर्घकालिक वीज़ा (LTV) पर रह रही थीं, जिसे हर साल नवीनीकृत किया जाता था। उन्होंने 1996 में भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन किया था, जो निर्वासन के समय तक लंबित था।

Read also:- सिर्फ ग्रेजुएट होने के आधार पर पत्नी को भरण-पोषण से वंचित नहीं किया जा सकता: पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट का फैसला

न्यायालय ने यह भी कहा कि उनका निर्वासन बिना किसी सुनियोजित और औचित्यपूर्ण आदेश के हुआ, जिससे उनके मानवाधिकारों का उल्लंघन हुआ। इस आधार पर, न्यायालय ने गृह मंत्रालय को निर्देश दिया था कि वह तुरंत कदम उठाते हुए उन्हें भारत में वापस लाने की प्रक्रिया शुरू करे

गृह मंत्रालय की अपील: वीज़ा और सुरक्षा कारण

गृह मंत्रालय ने अपनी अपील में कहा कि एकल पीठ का आदेश कानूनी रूप से दोषपूर्ण है। मंत्रालय ने तर्क दिया कि निर्वासन के समय सुश्री राशिद का दीर्घकालिक वीज़ा (LTV) समाप्त हो चुका था, और उनके पास भारत में रहने के लिए कोई वैध वीज़ा नहीं था।

मंत्रालय ने यह भी बताया कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों के सभी वीज़ा रद्द कर दिए थे, सिवाय कुछ सीमित अपवादों के। ऐसे में 30 अप्रैल को किया गया निर्वासन राष्ट्रीय सुरक्षा के तहत उठाया गया कदम था।

Read also:- दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा, आरटीआई जानकारी सुरक्षा उपायों के साथ डिजिटल मोड में उपलब्ध कराई जानी चाहिए

वहीं, सुश्री राशिद की ओर से यह तर्क दिया गया कि उन्होंने जनवरी 2025 में अपने एलटीवी के नवीनीकरण के लिए आवेदन किया था, जिसे कभी औपचारिक रूप से खारिज नहीं किया गया। इसलिए, उनकी स्थिति वैध वीज़ा धारक की थी। साथ ही यह भी दावा किया गया कि निर्वासन बिना किसी लिखित आदेश के किया गया, जिससे वे अपनी बात रखने से वंचित रहीं।

डिवीजन बेंच का यह स्थगन आदेश फिलहाल गृह मंत्रालय के पक्ष में अंतरिम राहत प्रदान करता है, लेकिन मामला अब पूरी सुनवाई तक लंबित रहेगा।

"डिवीजन बेंच का यह फैसला राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे की गंभीरता को मान्यता देता है, साथ ही मानवाधिकार के पहलुओं की भी न्यायिक जांच के लिए रास्ता खोलता है।"
कोर्ट ऑब्जर्वर

केस-शीर्षक: भारत संघ बनाम रक्षंदा रशीद थ। फ़लक ज़हूर, 2025

Advertisment

Recommended Posts

मणिपुर उच्च न्यायालय ने ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के शैक्षणिक प्रमाणपत्रों पर नाम और लिंग बदलने के अधिकार को बरकरार रखा

मणिपुर उच्च न्यायालय ने ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के शैक्षणिक प्रमाणपत्रों पर नाम और लिंग बदलने के अधिकार को बरकरार रखा

20 Aug 2025 3:32 PM
हाई कोर्ट ने मृतक कर्मचारी के परिवार से अवैध वसूली को रद्द किया

हाई कोर्ट ने मृतक कर्मचारी के परिवार से अवैध वसूली को रद्द किया

12 Aug 2025 7:00 PM
कलकत्ता हाईकोर्ट ने सहकारी बैंक को ब्याज आय पर धारा 80 P के तहत छूट दी, "अट्रीब्यूटेबल टू" की व्यापक व्याख्या की

कलकत्ता हाईकोर्ट ने सहकारी बैंक को ब्याज आय पर धारा 80 P के तहत छूट दी, "अट्रीब्यूटेबल टू" की व्यापक व्याख्या की

14 Aug 2025 10:24 AM
सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम लड़की की शादी मामले में NCPCR की याचिका खारिज की

सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम लड़की की शादी मामले में NCPCR की याचिका खारिज की

20 Aug 2025 9:56 AM
राजस्थान हाई कोर्ट ने वाहन कर विवाद पर लोक अदालत के आदेश को रद्द किया

राजस्थान हाई कोर्ट ने वाहन कर विवाद पर लोक अदालत के आदेश को रद्द किया

15 Aug 2025 11:48 AM
सुप्रीम कोर्ट ने 500 रुपये की रिश्वत मामले में अपील आंशिक रूप से स्वीकार की, VAO की सजा कम की, ग्राम सहायक को बरी किया

सुप्रीम कोर्ट ने 500 रुपये की रिश्वत मामले में अपील आंशिक रूप से स्वीकार की, VAO की सजा कम की, ग्राम सहायक को बरी किया

13 Aug 2025 3:20 PM
15 साल अलग रहने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने तलाक मंजूर किया और पत्नी व बेटे को 1.25 करोड़ रुपये गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया

15 साल अलग रहने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने तलाक मंजूर किया और पत्नी व बेटे को 1.25 करोड़ रुपये गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया

15 Aug 2025 11:20 AM
आपसी तलाक के बाद सुप्रीम कोर्ट ने पति और ससुराल पक्ष के खिलाफ आपराधिक मामला किया खत्म

आपसी तलाक के बाद सुप्रीम कोर्ट ने पति और ससुराल पक्ष के खिलाफ आपराधिक मामला किया खत्म

13 Aug 2025 10:21 AM
SHO के कदाचार पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला: सरकारी कर्मचारियों के काम में बाधा डालने में सिर्फ़ शारीरिक बल का इस्तेमाल ही नहीं, बल्कि धमकी, अपमान और देरी भी शामिल है

SHO के कदाचार पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला: सरकारी कर्मचारियों के काम में बाधा डालने में सिर्फ़ शारीरिक बल का इस्तेमाल ही नहीं, बल्कि धमकी, अपमान और देरी भी शामिल है

21 Aug 2025 10:18 AM
हाई कोर्ट ने क्रूरता के आधार पर तलाक की याचिका खारिज करने का फैमिली कोर्ट का फैसला बरकरार रखा

हाई कोर्ट ने क्रूरता के आधार पर तलाक की याचिका खारिज करने का फैमिली कोर्ट का फैसला बरकरार रखा

18 Aug 2025 2:54 PM