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अश्लील वीडियो मामले में 19 वर्षीय आरोपी को राजस्थान हाईकोर्ट से जमानत, सोशल मीडिया पर कड़ा प्रतिबंध

Vivek G.

राजस्थान हाईकोर्ट ने इंस्टाग्राम पर अश्लील वीडियो साझा करने के आरोपी 19 वर्षीय युवक को सख्त सोशल मीडिया प्रतिबंधों के साथ जमानत दी।

अश्लील वीडियो मामले में 19 वर्षीय आरोपी को राजस्थान हाईकोर्ट से जमानत, सोशल मीडिया पर कड़ा प्रतिबंध
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जयपुर, 16 सितम्बर-राजस्थान हाईकोर्ट की जयपुर पीठ में सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति अशोक कुमार जैन ने 19 वर्षीय आकश को जमानत दे दी, जिस पर एक विवाहित महिला की अश्लील तस्वीरें इंस्टाग्राम पर फैलाने का आरोप है। अदालत में दोनों पक्षों की दलीलों के बीच माहौल पूरे समय तनावपूर्ण रहा।

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पृष्ठभूमि

यह मामला 21 फरवरी 2025 को करौली जिले के सदर हिंडौन थाना क्षेत्र में दर्ज एफआईआर से जुड़ा है। 23 वर्षीय शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि आकश ने उसकी निजी तस्वीरों और वीडियो को एडिट कर कई फर्जी इंस्टाग्राम अकाउंट से फैलाया और डराया-धमकाया। पुलिस ने बाद में भारतीय न्याय संहिता (धारा 78(2)) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (धारा 67 और 67A) के तहत आरोप जोड़े।

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द्वितीय वर्ष का छात्र आकश, जिसका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है, पहले ही चार महीने से अधिक समय जेल में बिता चुका था। अगस्त में उसकी पहली जमानत याचिका इस शर्त पर वापस ली गई थी कि पीड़िता का बयान दर्ज होना जरूरी है।

अदालत की टिप्पणियां

न्यायमूर्ति जैन ने आरोपों की गंभीरता को स्वीकार करते हुए भी आरोपी की उम्र और आपराधिक पृष्ठभूमि न होने पर ध्यान दिया। उन्होंने कहा, “पीड़िता का बयान दर्ज हो चुका है और जांच पूरी हो गई है। अब याचिकाकर्ता की हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता नहीं है।”

न्यायाधीश ने यह भी रेखांकित किया कि आरोप गंभीर हैं लेकिन मजिस्ट्रेट स्तर पर विचारणीय हैं और लंबी कैद एक युवा छात्र के भविष्य को नुकसान पहुँचा सकती है। फिर भी उन्होंने चेतावनी दी, “यदि यह याचिकाकर्ता पीड़िता या उसके परिवार को किसी प्रकार से नुकसान पहुँचाने की कोशिश करता है, तो यह आदेश तुरंत वापस ले लिया जाएगा।”

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फैसला

इन सभी पहलुओं को संतुलित करते हुए अदालत ने कड़े नियमों के साथ जमानत मंजूर की। आकश को 50,000 रुपये का निजी मुचलका और दो जमानती पेश करने होंगे। उसे पीड़िता या उसके परिवार से किसी भी तरह का संपर्क रखने, तीन साल तक इंस्टाग्राम, फेसबुक, स्नैपचैट या ऐसे किसी प्लेटफॉर्म का उपयोग करने से रोका गया है और पीड़िता से जुड़ी हर तस्वीर या वीडियो को सभी डिवाइस और क्लाउड स्टोरेज से हटाना होगा। किसी भी शर्त का उल्लंघन होने पर जमानत तुरंत रद्द कर दी जाएगी।

इन निर्देशों के साथ न्यायालय ने आकश की रिहाई का आदेश दिया, जिससे पीड़िता की सुरक्षा और एक युवा आरोपी को सुधारने का मौका देने के बीच संतुलन साधा गया।

केस का शीर्षक: आकाश बनाम राजस्थान राज्य - उच्च न्यायालय ने अश्लील वीडियो मामले में ज़मानत दी

केस संख्या: एस.बी. आपराधिक द्वितीय विविध। ज़मानत आवेदन संख्या 11755/2025

आदेश तिथि: 16 सितंबर 2025

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