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सुप्रीम कोर्ट ने एआईएफएफ को 2025-26 फुटबॉल सीज़न सुचारु रूप से कराने का निर्देश दिया

Vivek G.

सुप्रीम कोर्ट ने एआईएफएफ को 2025-26 फुटबॉल सीज़न सुचारु रूप से कराने का निर्देश दिया। सुपर कप से शुरुआत होगी, आईएसएल अधिकारों के लिए खुला टेंडर और न्यायमूर्ति नागेश्वर राव की नियुक्ति।

सुप्रीम कोर्ट ने एआईएफएफ को 2025-26 फुटबॉल सीज़न सुचारु रूप से कराने का निर्देश दिया

नई दिल्ली, 1 सितंबर 2025 – सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर भारतीय फुटबॉल के सुचारु संचालन के लिए हस्तक्षेप किया है। अदालत ने अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) को निर्देश दिया है कि वह 2025-26 फुटबॉल सीज़न समय पर शुरू करने और प्रतियोगी निरंतरता बनाए रखने के लिए ज़रूरी कदम उठाए।

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यह आदेश उस समय आया जब एआईएफएफ और इसके वाणिज्यिक साझेदार फुटबॉल स्पोर्ट्स डेवलपमेंट लिमिटेड (FSDL) के बीच निर्णय लंबित रहने से इंडियन सुपर लीग (ISL) और अन्य टूर्नामेंटों को लेकर अनिश्चितता बनी हुई थी।

  • अदालत ने नोट किया कि मास्टर राइट्स एग्रीमेंट, जो एआईएफएफ और एफएसडीएल के बीच दिसंबर 2010 में साइन हुआ था, दिसंबर 2025 में समाप्त होगा।
  • संविदात्मक प्रतिबंधों के कारण एआईएफएफ और एफएसडीएल ने नए सीज़न की व्यवस्था को अंतिम रूप देने में देरी की, जिससे आईएसएल और अन्य लीगों पर असर पड़ा।
  • 22 अगस्त 2025 को कोर्ट ने एआईएफएफ और एफएसडीएल को सहमति से समाधान निकालने का निर्देश दिया था। इसके बाद दोनों पक्ष 25 अगस्त को बेंगलुरु में मिले और एक संयुक्त प्रस्ताव पेश किया।

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AIFF और FSDL के बीच सहमत ढांचा

  1. सीज़न की शुरुआत सुपर कप से: 2025-26 का सीज़न सुपर कप से शुरू होगा, जो एआईएफएफ के नियंत्रण में एक घरेलू टूर्नामेंट है। इससे लीग शुरू होने तक क्लब और खिलाड़ी प्रतियोगिता में सक्रिय बने रहेंगे।
  2. आईएसएल अधिकारों के लिए पारदर्शी प्रक्रिया: एआईएफएफ ने वादा किया कि वह आईएसएल के लिए वाणिज्यिक साझेदार चुनने हेतु खुली और प्रतिस्पर्धी टेंडर प्रक्रिया अपनाएगा। यह प्रक्रिया नेशनल स्पोर्ट्स डेवलपमेंट कोड, नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस एक्ट 2025 और FIFA/AFC नियमों के अनुरूप होगी।
    • यह प्रक्रिया किसी प्रतिष्ठित स्वतंत्र प्रोफेशनल फर्म द्वारा कराई जाएगी।
    • टेंडर 15 अक्टूबर 2025 तक पूरा कर लिया जाएगा, ताकि क्लब, प्रायोजक और प्रसारकों को स्पष्टता मिले।
  3. एफएसडीएल की भूमिका
    • एफएसडीएल ने अपनी राइट ऑफ फर्स्ट नेगोशिएशन और राइट टू मैच छोड़ने पर सहमति जताई।
    • उसने एआईएफएफ को खुली टेंडर प्रक्रिया के लिए एनओसी (No Objection Certificate) भी जारी किया।
    • एफएसडीएल ने जुलाई–सितंबर 2025 की ₹12.5 करोड़ की फीस का भुगतान किया और अक्टूबर–दिसंबर की किस्त अग्रिम देने पर भी सहमति जताई।

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न्यायमूर्ति पामिडिघंटम श्री नारसिम्हा और न्यायमूर्ति जॉयमल्या बागची की पीठ ने इस सहयोगी ढांचे की सराहना की। आदेश में कहा गया:

“यह सहयोगात्मक प्रयास भारतीय फुटबॉल के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह साझा प्रतिबद्धता घरेलू, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय आयोजनों को संस्थागत रूप देने में लंबा सफर तय करेगी।”

सुप्रीम कोर्ट ने न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव, पूर्व जज, को नए आईएसएल वाणिज्यिक साझेदार के चयन हेतु टेंडर प्रक्रिया की निगरानी के लिए नियुक्त किया।

अदालत ने यह भी नोट किया कि एआईएफएफ का ड्राफ्ट संविधान बड़े पैमाने पर नए नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस एक्ट 2025 के अनुरूप है। हालांकि, वकील राहुल मेहरा, मेनका गुरुस्वामी और रघेन्थ बसंत ने स्वायत्तता को लेकर चिंताएँ जताईं। अदालत इन बिंदुओं पर विचार करने के बाद संविधान पर अंतिम निर्णय लेगी।

मामले का शीर्षक: अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ बनाम राहुल मेहरा एवं अन्य

आदेश की तिथि: 1 सितंबर, 2025

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