गुरुवार सुबह अदालत कक्ष में अच्छी-खासी मौजूदगी थी, जब सुप्रीम कोर्ट ने हरजीत कौर की याचिका पर सुनवाई शुरू की। यह याचिका पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के उस आदेश के खिलाफ थी, जो उनके पक्ष में नहीं गया था। मामला दो न्यायाधीशों की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध था और सुनवाई तेज़ी से आगे बढ़ी, हालांकि आरोपों की गंभीरता और मांगी गई तात्कालिक राहत ने सभी का ध्यान खींचा। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने एक अंतरिम आदेश पारित किया, जिससे फिलहाल याचिकाकर्ता को कुछ राहत मिली है।
पृष्ठभूमि
हरजीत कौर, जिन्हें हरजीत कौर @ हरजीत कौर के नाम से भी जाना जाता है, ने 21 नवंबर 2025 के उस आदेश को चुनौती दी है, जो पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट, चंडीगढ़ द्वारा पारित किया गया था। यह आदेश इस वर्ष लुधियाना में दर्ज एक एफआईआर से जुड़ी याचिका से संबंधित था।
एफआईआर संख्या 67/2025 में उनके खिलाफ धोखाधड़ी, प्रतिरूपण (किसी और के रूप में खुद को पेश करना), आपराधिक साजिश और जालसाज़ी जैसे आरोप लगाए गए हैं, जो भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज हैं। आसान शब्दों में कहें तो पुलिस का आरोप है कि शिकायतकर्ता को ठगने के लिए जाली दस्तावेज़ों का इस्तेमाल किया गया। शिकायतकर्ता कमलेश, लुधियाना की निवासी हैं।
गुरुवार की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने शिकायतकर्ता को औपचारिक रूप से प्रतिवादी के रूप में शामिल करने की अनुमति भी दी, ताकि अंतिम निर्णय से पहले सभी संबंधित पक्षों को सुना जा सके।
अदालत की टिप्पणियां
न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति नोंगमेइकापम कोतिश्वर सिंह की पीठ ने इस चरण पर आरोपों के गुण-दोष पर विस्तार से विचार नहीं किया। हालांकि, पीठ ने यह जरूर कहा कि याचिकाकर्ता की चिंताओं पर विचार किया जाना चाहिए। पीठ ने निर्देश दिया, “नोटिस जारी किया जाए,” और मामले की अगली सुनवाई की तारीख 13 फरवरी 2026 तय की।
महत्वपूर्ण रूप से, अदालत ने गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया। आदेश में कहा गया है कि यदि लुधियाना की उक्त एफआईआर के संबंध में हरजीत कौर की गिरफ्तारी होती है, तो उन्हें जांच या गिरफ्तारी करने वाला अधिकारी ऐसे शर्तों पर जमानत पर रिहा करेगा, जो “न्यायसंगत, उचित और वाजिब” हों। अदालत कक्ष में मौजूद वकीलों का कहना था कि यह आदेश विस्तृत सुनवाई तक एक तरह की सुरक्षा प्रदान करता है।
न्यायाधीशों ने याचिकाकर्ता के आचरण पर भी ज़ोर दिया और कहा कि उन्हें अच्छा व्यवहार बनाए रखना होगा तथा मुकदमे के दौरान किसी भी गवाह को प्रभावित करने का प्रयास नहीं करना चाहिए।
निर्णय
इन निर्देशों के साथ, सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब राज्य और नए जोड़े गए शिकायतकर्ता को नोटिस जारी किया, जवाबी हलफनामे दाखिल करने के लिए समय दिया और आगे की सुनवाई तक हरजीत कौर को गिरफ्तारी की स्थिति में अंतरिम जमानत संरक्षण प्रदान किया।
Case Title: Harjit Kaur @ Harjeet Kaur vs. State of Punjab
Case No.: Special Leave to Appeal (Crl.) No. 20390 of 2025
Case Type: Criminal – Special Leave Petition (against Punjab & Haryana High Court order)
Decision Date: 19 December 2025








