दिल्ली की पुरानी तंग गलियों वाली चांदनी चौक में शुक्रवार को दुकानदारों के चेहरे पर कुछ सुकून दिखा। एमसीडी अपीलीय ट्रिब्यूनल में चली लंबी सुनवाई के बाद अदालत ने साफ कहा कि दुकानों को सील करने के तरीके में गंभीर कमियां हैं। अलग-अलग आधारों पर दिए गए सीलिंग आदेश न केवल उलझाऊ हैं, बल्कि कानून की कसौटी पर भी टिकते नहीं दिखते।
पृष्ठभूमि
मामला गली घंटेश्वर और कटरा नील इलाके की 21 दुकानों से जुड़ा है। एमसीडी ने अक्टूबर 2021 और जनवरी 2022 में इन दुकानों को सील करने के आदेश दिए थे। आधार था-मास्टर प्लान ऑफ दिल्ली 2021 के तहत कथित “मिसयूज़”, यानी तय नियमों के खिलाफ दुकान चलाना।
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दुकानदारों का कहना था कि वे अधिसूचित पैदल बाजार सड़क पर हैं और उन्होंने कन्वर्ज़न चार्ज भी जमा कर दिया है। कुछ मामलों में तो यह भी आरोप लगा कि शो-कॉज़ नोटिस उन्हें कभी मिला ही नहीं। दूसरी ओर, एमसीडी ने दलील दी कि कई दुकानें गैर-अधिसूचित अंदरूनी सड़कों पर हैं और नियमों के खिलाफ चल रही हैं।
अदालत की टिप्पणियां
रिकॉर्ड देखने के बाद ट्रिब्यूनल ने एमसीडी की कार्यवाही पर सवाल उठाए। अदालत ने नोट किया कि एक ही जैसे हालात वाली दुकानों के साथ अलग-अलग व्यवहार किया गया। कहीं कन्वर्ज़न चार्ज न देने पर सीलिंग हुई, तो कहीं चार्ज जमा होने के बावजूद सीलिंग का आदेश जारी कर दिया गया।
पीठ ने कहा, “सीलिंग आदेशों में यह स्पष्ट नहीं है कि कौन-सी दुकान किस प्रतिबंधित गतिविधि में लिप्त थी।” मास्टर प्लान की जिस धारा का हवाला दिया गया, वह केवल कुछ खास और खतरनाक व्यापार पर रोक लगाती है, लेकिन आदेशों में यह नहीं बताया गया कि दुकानदार ऐसा कोई काम कर रहे थे।
अदालत ने यह भी माना कि वॉल्ड सिटी जैसे विशेष क्षेत्र के लिए अब तक पुनर्विकास योजना नहीं बनी है। ऐसे में, “स्थिति यथावत रखना ज़रूरी है,” पीठ ने टिप्पणी की।
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फैसला
इन सभी कारणों को देखते हुए ट्रिब्यूनल ने जनवरी 2022 के 15 सीलिंग आदेशों को पुनर्विकास योजना बनने तक स्थगित कर दिया। तीन मामलों में, जहां शो-कॉज़ नोटिस की विधिवत सेवा नहीं हुई थी, सीलिंग आदेश रद्द कर दिए गए और नए सिरे से सुनवाई का निर्देश दिया गया। शेष मामलों में एमसीडी को कन्वर्ज़न चार्ज की जांच कर तर्कसंगत आदेश पारित करने को कहा गया। इसी के साथ सभी अपीलों का निपटारा कर दिया गया।
Case Title: Deepak Bansal & Others vs Municipal Corporation of Delhi (MCD)
Case No.: Appeal Nos. 78/22, 91/22, 106/22 to 120/22, 130/22, 135/22 to 137/22
Case Type: Appeals against sealing orders (MCD Appellate Tribunal)
Decision Date: 26 December 2025















