कोर्ट नंबर 9 के भीतर, भारत के सर्वोच्च न्यायालय में शुक्रवार को हुई सुनवाई का माहौल जाना-पहचाना लेकिन कुछ हद तक तनावपूर्ण था। पीठ शांत दिखी, लेकिन यह साफ कर दिया गया कि धैर्य की भी एक सीमा होती है। मामला सत्यवान सिंह द्वारा राज्य हरियाणा के खिलाफ दायर याचिका से जुड़ा है, जो अब पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश के बाद शीर्ष अदालत के सामने है।
वकील फाइलें पलटते दिखे, तारीखों पर चर्चा हुई और अंत में एक सख्त चेतावनी रिकॉर्ड पर आ गई-इसके बाद और समय नहीं मिलेगा।
पृष्ठभूमि
यह मामला विशेष अनुमति याचिकाओं (एसएलपी) के जरिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है, जो 30 नवंबर 2023 को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट, चंडीगढ़ द्वारा एलपीए में दिए गए फैसले से उत्पन्न हुआ। मुख्य अपीलों के साथ-साथ पुनः दाखिल करने में हुई देरी को माफ करने से जुड़ी अर्ज़ियां भी सूचीबद्ध थीं।
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सरल शब्दों में कहें तो याचिकाकर्ता सुप्रीम कोर्ट से हाईकोर्ट के फैसले में हस्तक्षेप की मांग कर रहा है, साथ ही प्रक्रिया के दौरान हुई देरी को माफ करने का अनुरोध भी कर रहा है। ऐसी देरी माफी की अर्ज़ियां आम होती हैं, लेकिन हर बार अदालत इन्हें सहजता से स्वीकार नहीं करती।
अदालत की टिप्पणियां
न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति नोंगमेइकापम कोतिस्वर सिंह की पीठ ने दोनों पक्षों के वकीलों को सुना। संक्षिप्त सुनवाई के बाद पीठ ने माना कि मामला अभी अंतिम बहस के लिए तैयार नहीं है।
पीठ ने आदेश में कहा, “काउंटर एफिडेविट तीन सप्ताह के भीतर दाखिल किया जाए,” जो खुले न्यायालय में स्पष्ट रूप से दर्ज किया गया। अदालत ने यह भी कहा कि यदि आवश्यक हो तो याचिकाकर्ता अगली तारीख से पहले प्रत्युत्तर हलफनामा दाखिल कर सकता है।
हालांकि, सबसे अहम बात पीठ का रुख था। अदालत ने साफ शब्दों में दर्ज किया कि इसके बाद किसी भी तरह का अतिरिक्त अवसर नहीं दिया जाएगा, जिससे यह संकेत मिला कि आगे चलकर प्रक्रियात्मक देरी को हल्के में नहीं लिया जाएगा।
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निर्णय
सुप्रीम कोर्ट ने प्रतिवादियों को तीन सप्ताह के भीतर काउंटर एफिडेविट दाखिल करने का निर्देश दिया, याचिकाकर्ता को अगली सुनवाई से पहले प्रत्युत्तर दाखिल करने की अनुमति दी, मामले को 06 फरवरी 2026 के लिए सूचीबद्ध किया और स्पष्ट किया कि इस उद्देश्य के लिए आगे कोई समय नहीं दिया जाएगा।
Case Title: Satyawan Singh vs. State of Haryana & Others
Case No.: SLP (Civil) Nos. 32969/2025 & 32972/2025
Case Type: Special Leave Petition (Civil)
Decision Date: 05 December 2025










