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भारत में स्थायी कार्यालय न होने पर भी विदेशी कंपनी टैक्स के दायरे में: सुप्रीम कोर्ट

Vivek G.

सुप्रीम कोर्ट ने हयात इंटरनेशनल को भारत में इनकम टैक्स चुकाने के लिए जिम्मेदार ठहराया, यह कहते हुए कि होटल के संचालन पर नियंत्रण एक स्थायी प्रतिष्ठान (Permanent Establishment) बनाता है।

भारत में स्थायी कार्यालय न होने पर भी विदेशी कंपनी टैक्स के दायरे में: सुप्रीम कोर्ट

24 जुलाई 2025 को दिए गए एक ऐतिहासिक निर्णय में, भारत के सुप्रीम कोर्ट ने Hyatt International Southwest Asia Ltd. के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है। कोर्ट ने कहा कि यदि कोई विदेशी कंपनी भारत में अस्थायी या साझा परिसर से व्यापार करती है, और उस पर उसका नियंत्रण है, तो वह भारत में इनकम टैक्स की जिम्मेदार होगी।

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"अनुबंध की शर्तों से स्पष्ट है कि अपीलकर्ता की भूमिका केवल नीति निर्माण तक सीमित नहीं थी। इसके विपरीत, उसे होटल के सभी परिचालन पहलुओं में अपनी नीतियों को लागू करने और अनुपालन सुनिश्चित करने का सतत और प्रवर्तनीय अधिकार प्राप्त था, जो स्पष्ट रूप से एक स्थायी प्रतिष्ठान (Permanent Establishment) की परिभाषा में आता है।" — सुप्रीम कोर्ट का निर्णय

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न्यायमूर्ति जे.बी. पारडीवाला और न्यायमूर्ति आर. महादेवन की पीठ ने हयात इंटरनेशनल की अपीलों को खारिज कर दिया, और आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (ITAT) व दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को सही बताया।

  • Hyatt, जो दुबई में रजिस्टर्ड है, ने एशियन होटल्स लिमिटेड के साथ 20 साल का Strategic Oversight Services Agreement (SOSA) साइन किया था।
  • हयात का दावा था कि उसका भारत में कोई ऑफिस या स्थायी परिसर नहीं है, केवल नीति सलाह देने का कार्य है।
  • परन्तु न्यायालय ने पाया कि Hyatt ने होटल के कर्मचारी, नीतियां, संचालन व वित्तीय पहलुओं पर पूर्ण नियंत्रण रखा।
  1. भारत में कोई निर्धारित या स्थायी कार्यालय नहीं है।
  2. कर्मचारी केवल थोड़े समय के लिए भारत आते थे।
  3. Hyatt India Pvt. Ltd. एक अलग कंपनी है, संचालन वही कर रही थी।
  4. DTAA में Fees for Technical Services (FTS) टैक्स करने का कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं है।

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सुप्रीम कोर्ट ने इन सभी दलीलों को अस्वीकार करते हुए कहा:

"अनन्य स्वामित्व आवश्यक नहीं है – यदि किसी स्थान से व्यापार किया जा रहा है, तो अस्थायी या साझा उपयोग भी पर्याप्त है।"

  • Formula One World Championship v. CIT: आंशिक उपयोग से भी PE बन सकता है यदि संचालन का नियंत्रण है।
  • E-Funds मामला: भिन्न मामला था; हयात की भूमिका मुख्य संचालन से जुड़ी थी, केवल सहायक नहीं।

SOSA के तहत Hyatt को होटल की कमाई से सीधे लिंक्ड फीस मिलती थी। यह दर्शाता है कि वह केवल सलाहकार न होकर, मुख्य व्यावसायिक भागीदार था।

“अपीलकर्ता की संचालन और निगरानी क्षमता, और होटल की कमाई से जुड़े शुल्क प्राप्त करना, स्पष्ट रूप से व्यावसायिक संबंध और नियंत्रण दर्शाता है।” — कोर्ट की टिप्पणी

  • होटल परिसर स्थायी व्यापार स्थल (Fixed Place of Business) माना जाएगा।
  • Hyatt का भारत में स्थायी प्रतिष्ठान (PE) है।
  • DTAA के अनुच्छेद 7(1) के तहत, भारत में हुई कमाई टैक्स योग्य है।

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“अपील में कोई दम नहीं है, सभी अपीलें खारिज की जाती हैं।” — सुप्रीम कोर्ट की पीठ

केस टाइटल: Hyatt International Southwest Asia Ltd. बनाम Additional Director of Income Tax & Others