विशेष अनुमति याचिका (क्रिमिनल) डायरी संख्या 36499/2025 के मामले में, भारत के सुप्रीम कोर्ट ने 25 जुलाई 2025 को एक आदेश पारित किया। यह याचिका सरथ कुमार द्वारा पुलिस निरीक्षक के प्रतिनिधित्व में राज्य के खिलाफ दायर की गई थी।
यह मामला इन-चैंबर में माननीय न्यायमूर्ति एन.वी. अंजरिया द्वारा सुना गया।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता:
- श्री पी. वी. योगेश्वरन (एओआर)
- श्री आशीष कुमार उपाध्याय
- श्री वाई. लोकेश
- श्री वी. कंधा प्रभु
- सुश्री मैत्री गोयल
- श्री गुणेश्वरन पीवी
- सुश्री सुचिस्मिता भुयान
- श्री अच्युत सक्सेना
इस आदेश में प्रतिवादी की ओर से कोई उपस्थिति दर्ज नहीं है।
Read also:- सुप्रीम कोर्ट ने पोक्सो मामले में 78 वर्षीय बुजुर्ग को एक साथ सजा सुनाई
“याचिकाकर्ता को नियमित पीठ के समक्ष एसएलपी की पहली सूचीबद्ध तिथि तक आत्मसमर्पण करने का समय दिया जाता है।”
इसका अर्थ है कि कोर्ट ने याचिकाकर्ता को तुरंत आत्मसमर्पण करने से अस्थायी राहत दी है और उन्हें तब तक का समय दिया है जब तक मामला नियमित सुनवाई के लिए सूचीबद्ध नहीं होता।
कोर्ट ने आगे निर्देश दिया:
“एसएलपी चार सप्ताह के भीतर सूचीबद्ध की जाएगी और इस दौरान यदि आवेदन में कोई त्रुटि हो, तो याचिकाकर्ता उसे ठीक करेगा।”
इस आदेश से यह स्पष्ट है कि याचिका चार सप्ताह के भीतर सूचीबद्ध की जाएगी और किसी भी प्रक्रियागत त्रुटि या दस्तावेज़ की कमी को याचिकाकर्ता को तय समय में ठीक करना होगा।
Read also:- तलाशी, जब्ती और सबूत में खामियों के कारण पटना उच्च न्यायालय ने एनडीपीएस मामले में आरोपी को बरी किया
निम्नलिखित अंतरिम आवेदनों का भी निपटारा कर दिया गया:
- आईए संख्या 167078/2025 – निर्णय की प्रमाणित प्रति दाखिल करने से छूट
- आईए संख्या 167076/2025 – समय के भीतर आत्मसमर्पण से छूट
मामला फिलहाल नियमित पीठ के समक्ष सूचीबद्ध होने की प्रतीक्षा में है और याचिकाकर्ता को उस तिथि तक सीमित राहत प्रदान की गई है। कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि याचिकाकर्ता को सभी लंबित त्रुटियों को समय रहते ठीक करना होगा।
केस का शीर्षक: सरथ कुमार बनाम राज्य प्रतिनिधि, पुलिस निरीक्षक द्वारा
केस का प्रकार: विशेष अनुमति याचिका (आपराधिक)
डायरी संख्या: 36499/2025
आदेश तिथि: 25 जुलाई 2025