Logo
Court Book - India Code App - Play Store

advertisement

अमित कुमार अग्रवाल को सुप्रीम कोर्ट से 2.5 साल बाद मनी लॉन्ड्रिंग केस में ज़मानत मिली

Vivek G.

प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत 2.5 साल से जेल में बंद अमित कुमार अग्रवाल को सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल में देरी को देखते हुए ज़मानत दी।

अमित कुमार अग्रवाल को सुप्रीम कोर्ट से 2.5 साल बाद मनी लॉन्ड्रिंग केस में ज़मानत मिली

भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में 2.5 साल से अधिक समय से जेल में बंद अमित कुमार अग्रवाल को ज़मानत दे दी है। यह फ़ैसला 1 अगस्त 2025 को जस्टिस एम.एम. सुंदरेश और नोंगमीकापम कोतिस्वर सिंह की पीठ ने सुनाया।

Read in English

मामले की पृष्ठभूमि

अमित कुमार अग्रवाल के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट, 2002 के तहत मामला दर्ज किया गया था। यह केस ईसीआईआर केस नंबर 01 ऑफ 2023 से संबंधित था, जो कि ईसीआईआर/आरएनजेडओ/18/2022 दिनांक 21.10.2022 से जुड़ा है। यह मामला बड़ियातू थाना कांड संख्या 141/2022 से संबंधित था।

उनके खिलाफ निम्नलिखित धाराएं लगाई गई थीं:

Read also:- बॉम्बे हाईकोर्ट ने पत्नी की तलाक का केस पुणे से उस्मानाबाद ट्रांसफर करने की याचिका खारिज की

सुप्रीम कोर्ट ने माना कि यद्यपि मुकदमे की कार्यवाही शुरू हो चुकी है, लेकिन इसे पूरा होने में अभी लंबा समय लग सकता है। अपीलकर्ता की लंबी हिरासत को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने यह निर्णय लिया।

“स्वीकार्य है कि अपीलकर्ता 2½ वर्षों से हिरासत में है। रिकॉर्ड से हमें ज्ञात हुआ कि मुकदमा लंबा चलेगा, हालांकि यह प्रारंभ हो चुका है।”

मुकदमे में देरी और अपीलकर्ता की लम्बी न्यायिक हिरासत को देखते हुए कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश को निरस्त करते हुए ज़मानत दे दी।

“तदनुसार, अपील आदेश को रद्द किया जाता है और अपीलकर्ता को ज़मानत दी जाती है, जो ट्रायल कोर्ट द्वारा लगाए गए शर्तों के अधीन होगी।”

Read also:- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने किरायेदार उमा चौहान के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला रद्द किया

यह अपील झारखंड हाईकोर्ट द्वारा बीए नं. 10272/2024 में ज़मानत ना देने के आदेश के खिलाफ थी। सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय में हाईकोर्ट के फैसले को पलट दिया।

  • अपील स्वीकार की गई
  • ज़मानत दी गई
  • शर्तें ट्रायल कोर्ट निर्धारित करेगा
  • लंबित सभी आवेदनों का निपटारा किया गया

यह फैसला एसएलपी (क्रि.) नं. 7799/2025 में दिया गया, जिसे आधिकारिक रूप से क्रिमिनल अपील नं.---- ऑफ 2025 के तहत रिकॉर्ड किया गया।

“अपील आदेश को रद्द किया जाता है और अपीलकर्ता को ज़मानत दी जाती है, जो ट्रायल कोर्ट द्वारा लगाए गए शर्तों के अधीन होगी।”

मामले का नाम: अमित कुमार अग्रवाल बनाम प्रवर्तन निदेशालय

अपील संख्या: आपराधिक अपील संख्या _, 2025
(@ विशेष अनुमति याचिका (आपराधिक) संख्या 7799, 2025)

आर्डर की तारीख: 1 अगस्त, 2025

अपीलकर्ता के वकील (अमित कुमार अग्रवाल):

  • श्री एस नागामुथु, वरिष्ठ अधिवक्ता
  • श्री संजीव सहाय, अधिवक्ता
  • श्री अभिषेक अग्रवाल, अधिवक्ता
  • श्री श्रेयस कौशल, अधिवक्ता
  • सुश्री शगुफा सलीम, एओआर

प्रतिवादी के वकील (प्रवर्तन निदेशालय):

  • श्री सूर्यप्रकाश वी. राजू, एएसजी
  • श्री ज़ोहेब हुसैन, अधिवक्ता
  • श्री अन्नम वेंकटेश, अधिवक्ता
  • श्री सम्राट गोस्वामी, अधिवक्ता
  • श्री अनिमेष उपाध्याय, अधिवक्ता
  • श्री अरविंद कुमार शर्मा, एओआर, और टीम