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सहारा कर्मचारियों के बकाया वेतन पर सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई, सेबी रिफंड केस से जुड़ा मामला

Vivek G.

सुप्रीम कोर्ट सहारा कर्मचारियों के 16 करोड़ रुपये बकाया वेतन पर सुनवाई करेगा, मामला सेबी रिफंड केस से जुड़ा, इस हफ्ते अहम आदेश संभव।

सहारा कर्मचारियों के बकाया वेतन पर सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई, सेबी रिफंड केस से जुड़ा मामला

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सहारा समूह के कर्मचारियों के बकाया वेतन से जुड़ी एक नई याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति जताई। यह मामला लंबे समय से चल रहे SEBI बनाम सहारा केस से जुड़ा है। मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई, न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति अतुल एस. चंदुरकर की पीठ के सामने यह मुद्दा रखा गया। कर्मचारियों की ओर से पेश हुए वकील ने बताया कि 16 करोड़ रुपये से अधिक का वेतन अब तक नहीं दिया गया है।

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पृष्ठभूमि

सहारा विवाद नया नहीं है। साल 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने सहारा की दो कंपनियों को लगभग 25,000 करोड़ रुपये, 15% ब्याज सहित, करोड़ों छोटे निवेशकों को लौटाने का आदेश दिया था। ये निवेशक 2008 से 2011 के बीच डिबेंचरों में निवेश कर चुके थे। अदालत ने यह पैसा सेबी के पास जमा कराने का निर्देश दिया था। जब सहारा ने पूरी राशि जमा नहीं की, तो अदालत की अवमानना याचिकाएँ दायर की गईं।

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कई सालों से सुप्रीम कोर्ट सहारा की वित्तीय गतिविधियों पर नजर बनाए हुए है। हाल ही में, 5 सितंबर 2024 को अदालत ने समूह को 15 दिनों के भीतर 1,000 करोड़ रुपये एक एस्क्रो खाते में जमा करने का आदेश दिया। साथ ही, सहारा को मुंबई के वर्सोवा स्थित अपनी संपत्ति विकसित करने के लिए एक संयुक्त उद्यम (ज्वाइंट वेंचर) बनाने की अनुमति भी दी गई, ताकि 10,000 करोड़ रुपये तक जुटाए जा सकें।

सोमवार को कर्मचारियों की ओर से पेश वकील ने बकाया वेतन के मुद्दे को तुरंत सूचीबद्ध करने की गुज़ारिश की। उन्होंने कहा, “हमने सहारा कर्मचारियों के वेतन भुगतान से संबंधित एक आवेदन दायर किया है। 16 करोड़ रुपये का वेतन दिया जाना बाकी है। यह आवेदन अवमानना याचिका में लंबित है, माईलॉर्ड्स। कृपया इसे शुक्रवार को सूचीबद्ध करवाने की कृपा करें।”

पीठ ने इस दलील को संज्ञान में लिया। हालांकि आज विस्तृत सुनवाई नहीं हुई, लेकिन जजों ने इस याचिका पर ध्यान दिया, जो पहले से चल रही सहारा समूह के खिलाफ अवमानना कार्यवाही का हिस्सा है।

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निर्णय

सुप्रीम कोर्ट ने याचिका सूचीबद्ध करने के अनुरोध पर सहमति जताई और अब इस हफ्ते के अंत तक सुनवाई होने की उम्मीद है। अगर आदेश पारित होता है तो यह सीधे उन हजारों सहारा कर्मचारियों को प्रभावित करेगा, जो लंबे समय से अपने बकाए वेतन का इंतज़ार कर रहे हैं, जबकि समूह पर कानूनी और आर्थिक संकट लगातार गहराता जा रहा है।

मामले का शीर्षक: भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) बनाम सुब्रत रॉय सहारा एवं अन्य

मामले का प्रकार: अवमानना ​​याचिका (सिविल)

मामला संख्या: CONMT.PET.(C) संख्या 1820–1822/2017 और संबंधित मामले

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