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बॉम्बे हाई कोर्ट ने मोटरसाइकिल-बस टक्कर मामले में मुआवज़ा बढ़ाकर ₹24 लाख किया

Vivek G.

बॉम्बे हाई कोर्ट ने औरंगाबाद मोटरसाइकिल-बस दुर्घटना में मुआवज़ा बढ़ाकर ₹24 लाख किया, ट्रिब्यूनल की सह-लापरवाही की Finding रद्द।

बॉम्बे हाई कोर्ट ने मोटरसाइकिल-बस टक्कर मामले में मुआवज़ा बढ़ाकर ₹24 लाख किया

बॉम्बे हाई कोर्ट की औरंगाबाद पीठ ने मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (MACT) का वह आदेश रद्द कर दिया जिसमें मुआवज़े को आधा कर दिया गया था और मृतक को बराबर लापरवाह ठहराया गया था। न्यायमूर्ति Neeraj P. Dhote ने 4 सितंबर 2025 को फैसला सुनाते हुए मुआवज़े की फिर से गणना की और बस चालक की बीमा कंपनी को मृतक के परिवार को ₹24 लाख से अधिक भुगतान करने का आदेश दिया।

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पृष्ठभूमि

मामला मई 2009 की एक दर्दनाक दुर्घटना से जुड़ा है। 52 वर्षीय अतुल शांतिलाल पटेल औरंगाबाद में मोटरसाइकिल चला रहे थे जब उनकी टक्कर एक खड़ी बस से हो गई। गंभीर चोटों के बाद भी इलाज के दौरान उसी महीने उनकी मौत हो गई। उनकी पत्नी वासुधा, बेटे तनमय और वृद्ध माँ मधुकांता ने ₹50 लाख का दावा किया था, लेकिन ट्रिब्यूनल ने केवल ₹10.29 लाख ही दिए और कहा कि पटेल खुद भी 50% जिम्मेदार थे।

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अदालत की टिप्पणियाँ

अपील के दौरान परिवार के वकील ने दलील दी कि बस सड़क के बीचोंबीच गैरकानूनी तरीके से खड़ी थी और उस पर चेतावनी देने वाली लाइट भी नहीं थी, जिससे दुर्घटना हुई। उन्होंने जोर देकर कहा कि मृतक लापरवाह नहीं थे और पुलिस ने बस चालक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304A (लापरवाही से मौत) में मामला दर्ज किया था।

हाई कोर्ट ने इस तर्क से सहमति जताई और ट्रिब्यूनल के पहले के निष्कर्षों में विरोधाभास बताया। अदालत ने कहा, “जब यह देखा गया कि अगर बस सड़क के किनारे खड़ी होती तो दुर्घटना नहीं होती, तो मृतक पर लापरवाही डालना उसी अवलोकन के विपरीत है।”

प्रणय सेठी (2017) और मग्मा जनरल इंश्योरेंस (2018) जैसे फैसलों का हवाला देते हुए अदालत ने माना कि पत्नी, बेटे और माँ को पति-पत्नी संबंध, माता-पिता संबंध, अंतिम संस्कार खर्च और संपत्ति हानि के मद में अतिरिक्त राशि मिलनी चाहिए।

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फैसला

ट्रिब्यूनल द्वारा लगाए गए 50% “सह-लापरवाही” के निष्कर्ष को खारिज करते हुए अदालत ने कुल मुआवज़ा ₹24,00,560 तय किया और उस पर 9% ब्याज दावा दाखिल करने की तारीख से देने का आदेश दिया। न्यायमूर्ति धोटे ने स्पष्ट किया कि पहले दी गई कोई राशि नए आदेश में समायोजित होगी और बढ़ी हुई रकम अपीलकर्ताओं के बैंक खातों में जमा कराई जाएगी।

इसके साथ ही 2017 से लंबित यह पहली अपील आखिरकार समाप्त हुई।

केस का शीर्षक: वसुधा अतुल पटेल एवं अन्य बनाम राणा तुलकराज खुराना एवं अन्य

केस संख्या: प्रथम अपील संख्या 2176/2017

निर्णय की तिथि: 4 सितंबर, 2025

अपीलकर्ता (मूल दावेदार): अतुल शांतिलाल पटेल की विधवा, पुत्र और माता

प्रतिवादी: बस मालिक, नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड और बस चालक

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