वकेशन कोर्ट की कार्यवाही आम तौर पर शांत रहती है, लेकिन इस बार माहौल अलग था। अदालत कक्ष में बैठे वकीलों और जज की गंभीर टिप्पणियों से साफ था कि मामला हल्का नहीं है। अभिनेत्री Shilpa Shetty ने अपनी तस्वीरों के कथित AI-जनित अश्लील डीपफेक के खिलाफ राहत मांगी थी। सुनवाई के दौरान अदालत ने जिस तरह सामग्री देखी, उससे साफ लगा कि तकनीक के दुरुपयोग पर न्यायपालिका अब चुप बैठने के मूड में नहीं है।
Background
शिल्पा शेट्टी कुंद्रा ने बॉम्बे हाईकोर्ट में एक अंतरिम आवेदन दायर किया था। शिकायत यह थी कि कुछ अज्ञात लोग उनकी तस्वीरों का इस्तेमाल कर कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के जरिए अश्लील और भ्रामक डीपफेक सामग्री बना रहे हैं। ये तस्वीरें और वीडियो अलग-अलग वेबसाइटों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर फैलाए जा रहे थे।
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उनके वकील ने बताया कि इस तरह की सामग्री न सिर्फ उनकी छवि को नुकसान पहुंचा रही है, बल्कि एक महिला के रूप में उनकी गरिमा और मानसिक शांति पर भी सीधा असर डाल रही है। अदालत के रिकॉर्ड से यह भी सामने आया कि पहले के आदेश के बाद कुछ प्लेटफॉर्म्स ने लिंक हटाए थे, लेकिन समस्या पूरी तरह खत्म नहीं हुई थी।
Court’s Observations
न्यायमूर्ति अद्वैत एम. सेठना ने सुनवाई के दौरान रखी गई तस्वीरों और दस्तावेजों को देखने के बाद कड़ी टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया यह सामग्री डीपफेक लगती है और इसका सार्वजनिक रूप से प्रसार किसी भी महिला की प्रतिष्ठा को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकता है।
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पीठ ने साफ शब्दों में कहा, “किसी व्यक्ति, और विशेष रूप से किसी महिला को, उसकी जानकारी और सहमति के बिना इस तरह चित्रित करना उसके निजता और सम्मान के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है।”
अदालत ने यह भी रेखांकित किया कि वह इस चरण पर व्यक्तित्व अधिकार जैसे जटिल कानूनी मुद्दों में नहीं जा रही है। हालांकि, संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत गरिमापूर्ण जीवन और निजता का अधिकार किसी भी हालत में नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। जज ने कहा कि तकनीक कानून के बेहतर क्रियान्वयन के लिए है, न कि बदनामी और अपमान के लिए।
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Decision
सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद बॉम्बे हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश पारित किया। अदालत ने सभी संबंधित वेबसाइटों और प्लेटफॉर्म्स को निर्देश दिया कि वे शिल्पा शेट्टी से जुड़ी सभी उल्लंघनकारी URLs को तुरंत हटाएं। साथ ही, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा दूरसंचार विभाग को भी ऐसे सभी लिंक, पोस्ट और वेबसाइट्स हटाने का आदेश दिया गया जो उनकी निजता का उल्लंघन कर रहे हैं। अदालत ने स्पष्ट किया कि ये टिप्पणियां केवल प्रारंभिक हैं और मामले के अन्य कानूनी मुद्दे आगे नियमित पीठ के समक्ष तय किए जाएंगे।
Case Title: Shilpa Shetty Kundra vs. Getoutlive.in & Others
Case No.: Interim Application (L) No. 38469 of 2025 in Commercial IP Suit (ST) No. 38338 of 2025
Case Type: Commercial Intellectual Property Suit (Interim Application – Personality Rights & Privacy)
Decision Date: 26 December 2025















