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मद्रास हाईकोर्ट ने दिव्यांग डॉक्टर को दी राहत, NEET PG 2025-26 काउंसलिंग में 2024 की रैंक से शामिल होने का आदेश

Prince V.

मद्रास हाईकोर्ट ने दिव्यांग डॉक्टर को NEET PG 2025-26 काउंसलिंग में 2024 की रैंक से शामिल होने का आदेश दिया।

मद्रास हाईकोर्ट ने दिव्यांग डॉक्टर को दी राहत, NEET PG 2025-26 काउंसलिंग में 2024 की रैंक से शामिल होने का आदेश

मद्रास हाईकोर्ट ने 18 अगस्त 2025 को एक महत्वपूर्ण आदेश देते हुए दिव्यांग डॉक्टर को आगामी NEET PG 2025-26 काउंसलिंग में शामिल होने की अनुमति दी। जस्टिस सी. कुमारप्पन ने यह निर्देश उस समय दिया जब डॉक्टर तारिगोंडा सूर्या महीधर ने अपने खिलाफ जारी विकलांगता प्रमाणपत्र को चुनौती दी थी, जिसमें उन्हें पीजी मेडिकल कोर्स के लिए अयोग्य बताया गया था।

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पृष्ठभूमि

डॉ. महीधर ने 2019 में चीन की हेबेई मेडिकल यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस पूरा किया और 2020 में विदेशी मेडिकल ग्रेजुएट परीक्षा (FMGE) पास कर पंजीकरण प्राप्त किया। 2021 में एक सड़क दुर्घटना में उनका बायां हाथ काटना पड़ा। इसके बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं छोड़ी और NEET PG 2024 में शामिल होकर 76.87 पर्सेंटाइल और 50,084 ऑल इंडिया रैंक हासिल की।

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उन्होंने विकलांग उम्मीदवारों के लिए 5% आरक्षण का लाभ पाने के लिए आवेदन किया। लेकिन चेन्नई स्थित राजीव गांधी गवर्नमेंट जनरल हॉस्पिटल के रीजनल मेडिकल बोर्ड ने सितंबर 2024 में उन्हें 90% विकलांग घोषित करते हुए कहा कि वे पीजी मेडिकल कोर्स के लिए उपयुक्त नहीं हैं। इसी फैसले को उन्होंने अदालत में चुनौती दी।

सुनवाई के दौरान अदालत ने सुप्रीम कोर्ट के कबीर पहारिया बनाम एनएमसी फैसले का हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि उच्च प्रतिशत वाली विकलांगता केवल इस आधार पर मेडिकल शिक्षा से वंचित करने का कारण नहीं हो सकती। जरूरी है कि उम्मीदवार की फंक्शनल कैपेसिटी, यानी वास्तविक काम करने की क्षमता, परख कर निर्णय लिया जाए।

जस्टिस कुमारप्पन ने कहा, “संवैधानिक समानता का तकाजा है कि दिव्यांगों को उचित सहूलियत दी जाए, उन्हें मनमाने बहिष्कार का शिकार न बनाया जाए।”

अंतरिम आदेश के बाद डॉ. महीधर का पुनर्मूल्यांकन जिपमर, पुडुचेरी में किया गया। जून 2025 में आए रिपोर्ट में कहा गया कि वे एमडी माइक्रोबायोलॉजी नहीं कर सकते, लेकिन मनोचिकित्सा (Psychiatry), विकिरण ऑन्कोलॉजी, सामुदायिक चिकित्सा, फार्माकोलॉजी, बायोकेमिस्ट्री और पब्लिक हेल्थ जैसे आठ कोर्स में बिना किसी कठिनाई के पढ़ाई और प्रैक्टिस कर सकते हैं।

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अदालत ने केंद्र सरकार, मेडिकल काउंसलिंग कमेटी और राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) को निर्देश दिया कि डॉ. महीधर को NEET PG 2025-26 काउंसलिंग में शामिल होने दिया जाए। साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि उन्हें दोबारा NEET परीक्षा देने की आवश्यकता नहीं होगी और उनका 2024 का स्कोर और रैंक मान्य रहेगा।

वाद का शीर्षक :

तारिगोंडा सूर्या महीधर बनाम भारत संघ एवं अन्य

वाद संख्या:

डब्ल्यू.पी. सं. 5209/2025

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