29 जुलाई 2025 को, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने सिविल अपील संख्या 7315/2014 में अपने पूर्व निर्णय के खिलाफ हर्कैश पी. भदौरिया द्वारा दायर पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया। यह पुनर्विचार याचिका डायरी संख्या 26026/2025 के तहत पंजीकृत थी और माननीय न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और माननीय न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ के समक्ष प्रस्तुत की गई।
याचिकाकर्ता हर्कैश पी. भदौरिया ने 18 फरवरी 2025 के निर्णय को चुनौती देते हुए पुनर्विचार याचिका दायर की थी। हालांकि, कोर्ट ने याचिका और उसके समर्थन में दिए गए तर्कों की समीक्षा के बाद पाया कि पहले के आदेश को दोबारा विचार करने की कोई उचित वजह नहीं है।
“हम आदेश में कोई त्रुटि नहीं पाते, विशेष रूप से कोई स्पष्ट त्रुटि नहीं, जो इसके पुनर्विचार को उचित ठहराए।”
— सुप्रीम कोर्ट पीठ
कोर्ट ने याचिका दाखिल करने में हुई देरी को स्वीकार कर लिया, लेकिन मुख्य याचिका को खारिज कर दिया गया। यह मामला संचलन द्वारा (by circulation) निपटाया गया, जैसा कि कई पुनर्विचार याचिकाओं में होता है।
मुख्य याचिका के साथ-साथ आईए नंबर 124397/2025 (पुनर्विचार याचिका दाखिल करने में देरी की याचिका) सहित सभी लंबित आवेदनों का भी निपटारा कर दिया गया।
“लंबित आवेदन, यदि कोई हो, का भी निपटारा किया जाता है।”
— सुप्रीम कोर्ट आदेश दिनांक 29 जुलाई 2025
केस का नाम: हरकैश पी. भदौरिया बनाम भारत संघ एवं अन्य