Logo
Court Book - India Code App - Play Store

advertisement

जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट ने नए टेंडर से पहले केंद्र को विवाद पर निर्णय लेने का निर्देश दिया

Vivek G.

जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट ने मट्टू क्लीन हाउस मामले में री-टेंडर पर रोक लगाई, केंद्र को लंबित आपत्तियों पर पहले निर्णय का आदेश।

जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट ने नए टेंडर से पहले केंद्र को विवाद पर निर्णय लेने का निर्देश दिया

जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाई कोर्ट ने सोमवार को एम/एस मट्टू क्लीन हाउस और भारत संघ के बीच चल रहे टेंडर विवाद में दखल दिया। न्यायमूर्ति संजय धर ने निर्देश जारी किए कि सरकार को लंबित आपत्तियों पर निर्णय लेना होगा, उससे पहले किसी भी तरह का नया टेंडर नहीं निकाला जा सकता।

Read in English

पृष्ठभूमि

यह विवाद 25 मई 2025 को सरकारी ई-मार्केटप्लेस (GeM) के माध्यम से जारी एक टेंडर से शुरू हुआ। इसमें एक बोलीदाता को सबसे कम (L1) घोषित किया गया। लेकिन याचिकाकर्ता, मट्टू क्लीन हाउस, का आरोप है कि इस बोलीदाता ने इंटीग्रेटेड फाइनेंशियल एडवाइजर द्वारा तय सीमा से भी कम दरें पेश कीं। कंपनी ने 1 जुलाई और 25 जुलाई को आपत्तियाँ दर्ज करवाईं, लेकिन अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की। और जब नए टेंडर की चर्चा शुरू हुई, तो कंपनी हाई कोर्ट पहुँची।

यह भी पढ़ें: सुप्रीम कोर्ट ने GMR कमलांगा मामले में हरियाणा यूटिलिटीज़ की याचिका खारिज

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता शिवानी जलाई ने दलील दी कि अधिकारियों की चुप्पी अन्यायपूर्ण और अवैध है। दूसरी ओर, सरकारी वकील ईशान दधीची ने नोटिस स्वीकार किया और औपचारिक जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा।

न्यायमूर्ति धर ने कहा कि याचिकाकर्ता की चिंता वाजिब है क्योंकि आपत्तियों को नजरअंदाज करने से विवादित बोलीदाता को अनुचित लाभ मिल सकता है। बेंच ने टिप्पणी की, “याचिकाकर्ता की शिकायत पर समय पर ध्यान दिया जाना चाहिए और जब तक निर्णय नहीं होता, तब तक काम को नए टेंडर में नहीं डाला जा सकता।”

यह भी पढ़ें: सुप्रीम कोर्ट ने धोखाधड़ी मामले में अनीथा आर. नायर की ज़मानत शर्तों में ढील देने

निर्णय

अंतरिम आदेश जारी करते हुए हाई कोर्ट ने सरकारी अधिकारियों (प्रतिवादी संख्या 1 से 3) को निर्देश दिया कि याचिकाकर्ता की आपत्तियों पर “शीघ्रातिशीघ्र” निर्णय लें। तब तक यह साफ कर दिया गया कि टेंडर प्रक्रिया दोबारा शुरू नहीं होगी। अब यह मामला 31 अक्टूबर 2025 को फिर से अदालत में सुना जाएगा।

केस का शीर्षक: मैसर्स मट्टू क्लीन हाउस बनाम भारत संघ एवं अन्य।

केस नंबर: डब्ल्यूपी(सी) नंबर 2473/2025, सीएम नंबर 5698/2025

आदेश की तिथि: 8 सितंबर 2025

याचिकाकर्ता के वकील: सुश्री शिवानी जलाली, वरिष्ठ अधिवक्ता और सुश्री अंजना राणा, अधिवक्ता

उत्तरदाताओं के वकील: श्री विशाल शर्मा, डीएसजीआई, श्री ईशान दधीचि, जीए के साथ

Advertisment

Recommended Posts