18 जून को सुप्रीम कोर्ट ने केरल के पत्रकार टीपी नंदकुमार को अंतरिम अग्रिम जमानत दी, जिन पर अपने यूट्यूब चैनल "क्राइम ऑनलाइन" पर एक प्रमुख महिला राजनीतिज्ञ को निशाना बनाते हुए कथित रूप से अपमानजनक और अश्लील वीडियो प्रकाशित करने का आरोप लगाया गया था।
न्यायमूर्ति संदीप मेहता और न्यायमूर्ति प्रसन्ना बी वराले की पीठ ने न्यायालय के आंशिक कार्य दिवसों के दौरान मामले की सुनवाई करते हुए अग्रिम जमानत की मांग करने वाली याचिका पर भी नोटिस जारी किया।
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पीठ ने आदेश दिया, "गिरफ्तारी की स्थिति में, याचिकाकर्ता को जांच अधिकारी की संतुष्टि के अनुसार जमानत और बांड प्रस्तुत करने के अधीन क्षेत्राधिकार वाली ट्रायल कोर्ट द्वारा जमानत पर रिहा किया जाएगा।" इसके अतिरिक्त, शीर्ष अदालत ने नंदकुमार को चल रही जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, नंदकुमार द्वारा अपने YouTube चैनल पर अपलोड किए गए एक वीडियो से आरोप उत्पन्न हुए हैं, जिसमें एक प्रसिद्ध महिला राजनीतिक नेता की छवि को धूमिल करने के उद्देश्य से यौन रूप से रंगीन, अपमानजनक और धमकी भरे बयान शामिल थे। अभियोजन पक्ष ने दावा किया कि सामग्री का उद्देश्य पीड़िता की विनम्रता और प्रतिष्ठा का अपमान करना था।
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परिणामस्वरूप, भारतीय न्याय संहिता, 2023 के निम्नलिखित प्रावधानों के तहत उनके खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की गई:
- धारा 75(1)(iv) - एक महिला की विनम्रता का अपमान करने के लिए,
- धारा 79 - धमकी देने और प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने का इरादा रखने के लिए,
- धारा 351(1)(2) - इलेक्ट्रॉनिक रूप से अश्लील सामग्री प्रसारित करने के लिए।
उन पर सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 67 के तहत भी मामला दर्ज किया गया था, जो इलेक्ट्रॉनिक रूप में अश्लील सामग्री के प्रकाशन या प्रसारण से संबंधित है।
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इससे पहले 9 जून 2025 को केरल हाईकोर्ट ने नंदकुमार की अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए उन्हें पुलिस के सामने सरेंडर करने का निर्देश दिया था। इस आदेश को चुनौती देते हुए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। मामले की अगली सुनवाई छह हफ्ते बाद होगी।
केस का शीर्षक: नंदकुमार टी.पी. बनाम केरल राज्य एवं अन्य, एसएलपी (सीआरएल) संख्या 9098/2025