सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया ने एक आधिकारिक नोटिस जारी कर सोमवार, 1 सितम्बर 2025 के लिए बेंच शेड्यूल में बदलाव की जानकारी दी है। यह बदलाव इसलिए हुआ है क्योंकि माननीय न्यायमूर्ति राजेश बिंदल उस दिन कोर्ट नहीं लेंगे।
30 अगस्त 2025 को जारी इस नोटिस में बताया गया है कि जस्टिस बिंदल की बेंच पर सूचीबद्ध मामलों की सुनवाई अब किस तरह से होगी।
नोटिस के अनुसार:
“मुख्य न्यायाधीश की बेंच में, जो पहले मुख्य न्यायाधीश, माननीय श्री न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन और माननीय श्री न्यायमूर्ति एन. वी. अंजरिया से मिलकर बनी थी, उसमें सूचीबद्ध मामलों की सुनवाई अब मुख्य न्यायाधीश और माननीय श्री न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन करेंगे। यह बदलाव 01.09.2025 (सोमवार) के लिए लागू होगा। हालांकि आंशिक रूप से सुने गए मामले और तीन जजों की बेंच वाले मामलों को इसमें शामिल नहीं किया जाएगा।”
इसका मतलब है कि मुख्य न्यायाधीश की बेंच अब तीन जजों की बजाय दो जजों की बेंच के रूप में काम करेगी।
कोर्ट नंबर 16: नई बेंच व्यवस्था
नोटिस में कोर्ट नंबर 16 के बारे में भी जानकारी दी गई है, जहां पहले जस्टिस बिंदल और जस्टिस मनमोहन की संयुक्त बेंच बैठने वाली थी।
“कोर्ट नंबर 16 में, जहां पहले माननीय श्री न्यायमूर्ति राजेश बिंदल और माननीय श्री न्यायमूर्ति मनमोहन की बेंच बैठने वाली थी, वहां अब 01.09.2025 (सोमवार) को मामलों की सुनवाई माननीय श्री न्यायमूर्ति मनमोहन और माननीय श्री न्यायमूर्ति एन. वी. अंजरिया करेंगे। हालांकि आंशिक रूप से सुने गए मामलों को इसमें शामिल नहीं किया जाएगा।”
यानि अब जस्टिस मनमोहन और जस्टिस एन. वी. अंजरिया कोर्ट नंबर 16 की संयुक्त बेंच में बैठेंगे।
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कोर्ट नंबर 7 में विशेष बेंच
नोटिस में एक विशेष बेंच के गठन का भी उल्लेख है।
“माननीय श्री न्यायमूर्ति पमिडिघंटम श्री नरसिम्हा और माननीय श्री न्यायमूर्ति जॉयमल्या बागची की विशेष बेंच कोर्ट नंबर 7 में 01.09.2025 (सोमवार) को गठित की गई है। यह बेंच SLP(C) No. 30748-30749/2017 की सुनवाई करेगी और यह बेंच कोर्ट नंबर 2 और 7 का सामान्य कार्य समाप्त होने के बाद बैठेगी।”
इसका मतलब है कि नियमित कार्यवाही पूरी होने के बाद, जस्टिस पी.एस. नरसिम्हा और जस्टिस जॉयमल्या बागची विशेष लीव पिटीशन (SLP) की सुनवाई करेंगे।
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यह नोटिस सुप्रीम कोर्ट के डिप्टी रजिस्ट्रार (लिस्टिंग) द्वारा जारी किया गया है और इसकी प्रति सभी संबंधित अधिकारियों को भेज दी गई है।
इस घोषणा से यह सुनिश्चित किया गया है कि वकील, वादी और अन्य सभी संबंधित पक्ष बेंच में हुए बदलाव से पहले ही अवगत हो जाएं और अपनी तैयारियां उसी के अनुसार कर सकें।